Meena Samaj Mahapanchayat: राजस्थान के करौली जिले में मीणा समाज की महापंचायत आयोजित की गई. भैरों बाबा कुश्ती दंगल स्टेडियम में हुई पंच पटेलों व अन्य लोगों की महापंचायत में करीब 10 हजार से अधिक महिला और पुरुषों ने हिस्सा लिया. महापंचायत में मीणा समाज की परंपराओं और कुरीतियों पर रोक लगाने की चर्चा की गई. इस दौरान रौंसी गांव में सगाई के दौरान हुई घटना या कुरीतियों पर आगे रोक के लिए चर्चा की गई. महापंचायत में लोगों ने चर्चा की इस तरह की घटना आगे ना हो. टोडाभीम विधदायक घनश्याम महर ने महापंचायत में आए लोगों से ऐतिहासिक निर्णय लेने की अपील की.
सगाई को लेकर हुए विवाद पर चर्चा
दरअसल, ये महापंचायत रौंसी और करीरी गांवों के बीच एक सामाजिक विवाद को लेकर आयोजित की गई थी. यह विवाद उस समय हुआ, जब बीते 18 जनवरी को करीरी गांव के कुछ लोग रोसी गांव में गोद भराई (सगाई) करने गए थे. किन्हीं कारणों से लड़के वालों ने लड़की नापसंद कर दिया. इस पर गुस्साए लड़की वाले परिजन ने और ग्रामीणों ने दूल्हे के भाई को पकड़कर उसके बाल और मूंछ काट दी. उसके बाद सूचना मिलने पर स्थानीय पंच पटेलों ने पहुंचकर समझाइश कर लड़का वालों को छुड़वाया गया.
समाज में फैली कुरीतियों पर रोक की मांग
अब इसी विवाद और मीणा समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने को लेकर सोमवार को भैरों बाबा कुस्ती दंगल स्टेडियम मीणा समाज की महापंचायत आयोजित हुई. महापंचायत में लड़के पक्ष की ओर से नरेश मीणा और मीणा बिचौलिया व अन्य व्यक्तियों के रौसी गांव की घटना के मामले में बयान रिकॉर्ड किए गये. इस पर पंच पटेलों के द्वारा बेटी पक्ष को भी बुलाने की मांग की गई, लेकिन बेटी पक्ष का कोई भी व्यक्ति उपस्थित नहीं हुआ.
इसके बाद सर्वसम्मति से 41 सदस्यों की एक कमेटी गठित कर अलग से बैठकर विचार-विमर्श कर निर्णय लेने को कहा गया. टोडाभीम विधायक घनश्याम महर ने महापंचायत में समाज के द्वारा एतिहासिक निर्णय लेने की अपील की. साथ ही अलग-अलग पंच पटेलों ने मीणा समाज में व्याप्त कुरीतियों पर रोक लगाने की भी मांग की. इसके बाद मीणा महापंचायत निर्णायक कमेटी ने बेटी पक्ष के घर हुई पंचायत में लड़के पक्ष पर लगाए गए 11 लाख रुपये के जुर्माने को निरस्त करने का निर्णय लिया.
दो बिचौलियों पर लगा जुर्माना
इसके साथ ही पंचायत ने रोसी गांव के लड़की पक्ष के लोगों पर 11 लाख रुपये का दण्ड लगाया है, जिसे 15 दिन में देने होंगे. रिश्ता तय कराने वाले दोनों बिचौलियों पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. लड़की पक्ष के घर हुई पंचायत में निर्णय देने वाले 5 लोगों पर 11-11 सौ रुपए का आर्थिक दण्ड और 5 वर्ष के लिए समाज से बहिष्कार किया गया है. 5 साल तक समाज की होने वाली पंचायत मैं भाग नहीं ले सकेंगे.
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