
नीट परीक्षा को लेकर लगातार फर्जी परीक्षार्थियों के मामले सामने आ रहे हैं. अभी जोधपुर एम्स का मामला शांत ही नहीं हुआ कि एक और मामला जोधपुर का सामने आया है, जिसमें सीबीआई ने अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. हालांकि सीबीआई ने अभी खुलासा नहीं किया है कि दोनों मुन्ना भाई को गिरफ्तार कर लिया है या नहीं लेकिन सीबीआई ने मामला दर्ज जरूर कर लिया है.
बिना परीक्षा दिए मिला सरकारी मेडिकल कॉलेज
एक सनसनीखेज मामले में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नीट-यूजी 2023 परीक्षा में धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में राजस्थान के दो युवकों विकास और प्रवीण गोदारा के खिलाफ एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है. यह मामला तब सामने आया जब सीबीआई की जांच में पता चला कि विकास ने प्रवीण गोदारा की जगह नीट परीक्षा में हिस्सा लिया और न केवल परीक्षा पास की, बल्कि प्रवीण के नाम पर उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट भी हासिल कर ली.
मामले की शुरुआत जालोर जिले के भादू गांव से हुई, जहां एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र विकास ने अपने दोस्त जोधपुर के सूरसागर इलाके के रहने वाले प्रवीण गोदारा के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची. योजना थी कि विकास, प्रवीण गोदारा के नाम पर नीट यूजी-2023 की परीक्षा देगा, जो 7 मई 2023 को दिल्ली के द्वारका में केंद्रीय विद्यालय, मेडियोर हॉस्पिटल के पास आयोजित हुई थी.
विकास ने न केवल प्रवीण के रोल नंबर (2001780133) का उपयोग करके परीक्षा दी, बल्कि उसने हस्ताक्षर, अंगूठे के निशान और उत्तर पुस्तिका पर प्रवीण के हस्तलेख की नकल भी की. उसकी इस चालाकी का नतीजा यह हुआ कि प्रवीण गोदारा के नाम पर परीक्षा का परिणाम उनके मुताबिक रहा और उसे गौतम बुद्ध नगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट मिल गई. इस बीच, विकास अपने मूल कॉलेज, डॉ. भीमराव अंबेडकर मेडिकल कॉलेज, सिरोही में अपनी पढ़ाई जारी करता रहा.
सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ कि दोनों ने मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. जांच में पाया गया कि विकास और प्रवीण ने आपराधिक साजिश (आईपीसी की धारा 120-बी), धोखाधड़ी (धारा 419), जालसाजी (धारा 467, 468, 471) और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की संबंधित धाराओं 61(2), 319(2), 338, 336(3), और 340(2) के तहत अपराध किया.
जब यह मामला सीबीआई के सामने आया, तो अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. विकास, जो जालोर के भादू गांव का रहने वाला है, और प्रवीण, जो जोधपुर के रावटी बालसमंद रोड का निवासी है, अब कानून के शिकंजे में हैं. सीबीआई ने इस मामले को गंभीरता से लिया है, क्योंकि यह न केवल नीट जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है, बल्कि मेडिकल शिक्षा की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करता है.
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