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NEET के लिए 60 लाख में हुई थी डील! MBBS पूरी होने के बाद जोधपुर और भरतपुर के दो मुन्नाभाई की गिरफ्तारी की पूरी कहानी

जयपुर पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद गहनता से दस्तावेजों की जांच की तो पाया कि आवेदन पत्र पर सचिन गोरा की जगह अजीत गोरा की तस्वीर लगाई गई थी.

NEET के लिए 60 लाख में हुई थी डील! MBBS पूरी होने के बाद जोधपुर और भरतपुर के दो मुन्नाभाई की गिरफ्तारी की पूरी कहानी
सचिन गोरा और अजीत गोरा को नीट परीक्षा में धांधली के 5 साल बाद पकड़ा गया

Jodhpur AIIMS Dummy Exam:  राजस्थान में बहुचर्चित नीट 2020 परीक्षा में धांधली करने के मामले में दो मेडिकल छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें एक जोधपुर के एम्स मेडिकल कॉलेज के अंतिम वर्ष का छात्र है और दूसरा भरतपुर के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद इंटर्नशिप कर रहा है. दोनों छात्रों - सचिन गोरा और अजीत गोरा को आज कोर्ट में पेश किया गया जिसके बाद उन्हें 8 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस ने इस मामले में एक आयुर्वेदिक डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया है जो इस षडयंत्र में शामिल था और पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी कर रहा है. 

इस मामले में जयपुर पुलिस ने विस्तार से बताया कि ये सारा मामला कैसे पकड़ में आया. जयपुर शहर (पश्चिम) के उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि विशेष जांच दल की हेल्पलाइन पर एक शिकायत आई थी कि वर्ष 2020 में आयोजित हुई नीट परीक्षा में सचिन गोरा नामक परीक्षार्थी के स्थान पर अजीत गोरा ने डमी बनकर परीक्षा दी थी. इस परीक्षा में 667 अंक लाने के बाद सचिन गोरा ने जोधपुर के एम्स में एडमिशन लिया था. 

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दस्तावेज़ों पर एक ही तस्वीर

पुलिस ने इसके बाद पिछले 15 दिनों में गहनता से दस्तावेजों की जांच की तो पाया कि आवेदन पत्र पर सचिन की जगह अजीत की तस्वीर लगाई गई थी. दोनों ही छात्रों के स्कोर कार्ड में एक ही फोटो थी और उनके वोटर आईडी पर भी एक ही तस्वीर लगी थी. पुलिस को इसके बाद यकीन हो गया और तब पहले जोधपुर से सचिन और उसके बाद अजीत को भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस के अनुसार अजीत की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और शायद इसी वजह से वो लालच में आ गया. हालांकि सबसे हैरानी की बात ये है कि सचिन ने परीक्षा तो नहीं दी लेकिन वो मेडिकल कॉलेज में सारी परीक्षाएं पास करता गया. दूसरी ओर, उसके बदले डमी बनकर परीक्षा देनेवाले अजीत की पढ़ाई अच्छी नहीं रही. पुलिस का मानना है कि संभवतः गलत काम करने की वजह से वो दबाव में था जिससे उसकी पढ़ाई प्रभावित हो गई.

तीसरे डॉक्टर के साथ हुई थी डील

पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि सचिन गोरा ने नीट यूजी 2020 की परीक्षा के लिए सुभाष सैनी नाम के एक व्यक्ति को पैसे दिए थे. सुभाष सैनी के पास आयुर्वेद की डिग्री है और वह वर्तमान में घाटवा में कॉमन हेल्थ आफिसर के पद पर काम कर रहा है.

यह फर्जीवाड़ा सुभाष सैनी, सचिन गोरा और अजीत गोरा ने मिलकर किया. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि डमी परीक्षार्थी बिठाकर परीक्षा दिलाने के लिए सौदा 60 लाख रुपये में तय हुआ था. पुलिस ने सुभाष सैनी को भी शिकंजे में ले लिया है.

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