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राजस्थान में 9 जिले खत्म करने से भड़के गोविंद सिंह डोटासरा, बोले- यह जनविरोधी निर्णय, कांग्रेसी करेगी आंदोलन

Govind Singh Dotasara on Bhajanlal Cabinet: शनिवार को भजनलाल कैबिनेट ने राजस्थान में गहलोत राज में बने 9 जिले और तीन संभाग को समाप्त कर दिया. भाजपा सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है.

राजस्थान में 9 जिले खत्म करने से भड़के गोविंद सिंह डोटासरा, बोले- यह जनविरोधी निर्णय, कांग्रेसी करेगी आंदोलन
राजस्थान पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा.

Rajasthan New Districts: भजनलाल कैबिनेट बैठक (Bhajanlal Cabinet) में राजस्थान में गहलोत राज में बने 9 जिले खत्म करने के फैसले पर कांग्रेस की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. राजस्थान पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासारा (Govind Singh Dotasara) ने जयपुर में पीसी करते हुए कहा- राजस्थान की सरकार ने 9 जिले खत्म करने का फैसला किया. खेद का विषय है कि पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी जा रही है, 7 दिन का राजकीय शोक है. उसके बावजूद सरकार ने जनविरोधी निर्णय किया है. यह कोई सोच भी नहीं सकता.

जनविरोधी फैसले के खिलाफ आंदोलन करेंगेः डोटासरा

डोटासरा ने आगे कहा कि यह जो जिले बनाए गए थे, यह कमिटी की सिफारिश पर, जनता की डिमांड पर, रिटायर्ड आईएएस के कमिटी के आधार पर किया था. 12 महीने में सरकार ने पहला निर्णय लिया है. यह जनता के मानस के विरुद्ध फैसला किया है. इस जनविरोधी फैसले के खिलाफ जनता आंदोलन करेगी.

कोर्ट में नहीं जा सकते, आनन-फानन में लिया फैसला

गोविंद सिंह डोटासरा ने आगे कहा कि एक तरफ जनगणना होनी है. अभी कोर्ट में भी नहीं जा सकते. आनन-फानन में फैसला किया गया है. पर्ची से आए इस अलोकतांत्रिक फैसले के खिलाफ हम आंदोलन करेंगे. एक कमिटी कह रही कि यह जनता के पक्ष में है. आप दूसरी कमिटी बनाकर फैसले को बदल रहे हो.

दिल्ली से कोई स्पेशल पैकेज नहीं ला पाए सीएमः डोटासरा

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी लगातार दिल्ली जा रहे थे. हमें लगा था कि जनता के हक में फैसला कर पाएंगे. लेकिन वे न तो कोई स्पेशल पैकेज करवा पाए, न ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवा पाए. उन जिलों में कलेक्टर लगे हुए हैं. दफ्तर बन रहे हैं. आप उनको समाप्त कर रहे हैं. यह कौन सा फैसला है.

सीएम ने अपना जिला डीग बचा लियाः डोटासरा

पीसीसी चीफ ने आगे कहा कि विधानसभा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाते हैं. क्या इस फैसले पर सबकी राय नहीं लेनी चाहिए थी. जनता की राय नहीं लेनी चाहिए. उपमुख्यमंत्री का जिला चला गया. बड़ी मुश्किल से दिल्ली में बचे थे. उनका जिला ले लिया. मुख्यमंत्री जी ने अपना डीग बचा लिया, आपका हटा दिया.

डोटासार बोले- मंत्री कह रहे कांग्रेस ने जो-जो बनाया, सब खत्म कर देंगे

मंत्री जोगाराम पटेल कह रहे कि कांग्रेस ने जो-जो बनाया, हम सब खत्म कर देंगे. कांग्रेस ने बहुत कुछ बनाया है. अगर सब खत्म कर देंगे तो आपके पास क्या बचेगा? 1 तक राजकीय शोक है. इसके बाद हम आंदोलन करेंगे. अगर यह जिले वापस नहीं बनाते हैं तो हम आंदोलन करेंगे. 

'जिन जिलों को खत्म किया, वहां इनके पास चुनाव लड़ने वाला कोई आदमी नहीं'

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि जिन जिलों को इन्होंने खत्म किया है, वहां इनके पास चुनाव लड़ने के लिए कोई आदमी नहीं मिलेगा. जहां कलेक्टर लग गए, एसपी लग गए. अफसर लग गए. हम सिर्फ उनकी बात कर रहे, जिनके गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किए हम उनकी बात ही नहीं कर रहे. यह पूरी सरकार ही नॉन डिजर्विंग हैं. मुख्यमंत्री पर्ची से चलते हैं, यह दुर्भाग्य है.

गोविंद सिंह डोटासरा ने आगे कहा कि एसआई भर्ती का क्या हुआ? यह किरोड़ी जी से पूछा जाना चाहिए. यह कमिटी की रिपोर्ट लीक होने से नहीं बचा पा रहे, पेपर क्या बचाएंगे.

आम लोगों की मांग पर बने थे जिलेः टीकाराम जूली

डोटासरा के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि एक तरफ हम मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं वहीं सरकार ने जिलों को निरस्त करने का फैसला किया है. हमने किसान मजदूर, आम लोगों की मांग पर जिले बनाए थे. छोटे जिले बनने से लोगों को न्याय मिलता है, लोगों के काम होते हैं. मध्यप्रदेश में 53 जिले हैं, वह हमसे छोटा राज्य है.

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि मैं सुन रहा था उनकी पीसी. मंत्री जोगाराम जी कह रहे थे यह कांग्रेस के बनाए हुए जिले हैं. हमारे पड़ोस में जिले हैं, 5 लाख 6 लाख की जनसंख्या है. क्या ये डिजर्व नहीं करते. किसी किसान मजदूर से बात कीजिए. उसके काम कैसे होते हैं. कहां जालौर है, कहां सांचौर है.

एक तारीख के बाद बड़ा आंदोलन करेगी कांग्रेस

अगर आपको कमी लग रही थी. तो आप सीमांकन करते. सुधार करते. लेकिन छोटे जिलों से लोगों को फायदा होता है. हम विधानसभा में इनकी रेल बनायेंगे. 1 तारीख के बाद आंदोलन करेंगे. सड़क से सदन तक इनको घेरेंगे. चिरंजीवी, बेरोजगारी भत्ता, स्कॉलरशिप, सबको सरकार ने रोकने का काम किया है. हम इसकी निंदा करते हैं. आने वाले समय में हम इसके खिलाफ जनांदोलन करेंगे.

'किस बात का सरकार और सिस्टम, 5 दिन से बच्ची को नहीं निकाल पाए'

इस सरकार का ध्यान जनता की तरफ नहीं है. बोरवेल में जब बच्ची गिरी थी, तब मुख्यमंत्री अमित शाह को बचाने के लिए पीसी कर रहे थे. उनके पास बच्ची के लिए समय नहीं था. किस बात की सरकार और सिस्टम है इनके पास. यह 5 दिनों तक बच्ची को नहीं निकाल पाए.

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