
Rajasthan Politics: राजस्थान के 12 जिलों में हुए पंचायत और नगर निकाय उपचुनावों में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी ने राजस्थान के नगरीय निकाय और पंचायतीराज संस्थाओं के उपचुनावों में कुल 36 सीटों में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की. जिनमें से 27 पर भाजपा के प्रत्याशी और 1 पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी विजयी रहे. पंचायत और नगर निकाय उपचुनाव में बीजेपी की जीत पर सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि हाल के उपचुनावों में बीजेपी ने पंचायती राज की 28 सीटों पर जीत दर्ज की है. यह जीत राजस्थान सरकार के जनहित कार्यों और विकास योजनाओं पर जनता की मुहर है.
'कांग्रेस की कमजोरी का सबूत है'
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी को अलवर, अजमेर शहर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, बालोतरा, जयपुर, झुंझुनूं, करौली, सिरोही जैसी जगहों पर अच्छी बढ़त मिली है. इससे पहले भाजपा के पास केवल 15 सीटें थीं और अब यह संख्या बढ़कर 28 हो गई है. वहीं कांग्रेस को करारा झटका लगा है. उसकी 15 में से केवल 4 सीटें ही बची हैं. इस दौरान मदन राठौड़ ने गोविंद सिंह डोटासरा पर जमकर निशाना साधा है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि दूसरों के घरों पर पत्थर फेंकने से पहले अपने घर की हालत देखनी चाहिए. अगर कांग्रेस खुद को संभाल पाती तो यह स्थिति नहीं आती. उन्होंने आगे कहा कि लोगों के कार्यों में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आनी चाहिए. कांग्रेस केवल आलोचना करती है, लेकिन खुद जिम्मेदारी नहीं निभा पा रही.
पंचायतीराज और नगर निकायों में भाजपा का शानदार प्रदर्शन
- जिला परिषद- कुल 6 सीटों में से 5 पर भाजपा की जीत.
- पंचायत समिति- 18 सीटों में से 12 भाजपा के खाते में, कांग्रेस मात्र 3 पर.
- नगर पालिका- 12 सीटों में से 10 पर भाजपा का कब्जा.
कानून व्यवस्था बिगाड़ने का कांग्रेस पर आरोप
मदन राठौड़ ने गुर्जर आंदोलन का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने के प्रयासों का आरोप लगाया. उन्होंने कहा पायलट गहलोत की मुलाक़ात की वजह से ही ट्रेन रोकी गई है. यदि ऐसा है तो ग़लत बात है. तीन दिन पहले हुई गहलोत और पायलट की मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए राठौड़ ने कहा कि अगर इस मुलाकात के बाद हालात बिगड़े हैं, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.
इससे साफ होता है कि कांग्रेस में समन्वय नहीं है और सत्ता संघर्ष बना हुआ है. जो भी विरोध प्रदर्शन करता है, उसे संविधान ने अधिकार दिया है, लेकिन किसी भी कीमत पर आम जनता का जीवन अस्त-व्यस्त नहीं होना चाहिए. आंदोलन को लीड कर रहे विजय बैंसला ने हमसे कुछ भी पूछा नहीं है. हमारी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. शांति वार्ता होने के बाद ट्रेन रोकना ठीक बात नहीं है.
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