
Rajasthan: बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अपमान करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कांग्रेस बार-बार उपराष्ट्रपति का अपमान कर रही है. उन्होंने कहा कि किसान का बेटा उपराष्ट्रपति बना, यह उन्हें पच नहीं रहा है. झुंझुनूं (Jhunjhunu) पहुंचने पर राठौड़ ने यह बयान दिया. इस दौरान कई बीजेपी नेताओं ने स्वागत किया. पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने भजनलाल सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर भी बात कही. उन्होंने कहा कि एक साल में सरकार ने 50 प्रतिशत संकल्प पूरे किए. सरकार के फैसलों से प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलेगी.
राज्य में निकाय और पंचायतीराज चुनावों पर कही ये बात
राठौड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति के खिलाफ कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर भी बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से किसान विरोधी रही है. यही वजह है कि आज एक किसान का बेटा उन्हें उपराष्ट्रपति जैसे पद पर भा नहीं रहा है, जबकि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का शानदार तरीके से संचालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में वन नेशन-वन इलेक्शन को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं. उसी तरह प्रदेश में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा वन स्टेट-वन इलेक्शन की कल्पना को साकार कर रहे हैं. जल्द ही सरकार निकाय और पंचायतराज चुनावों को लेकर सारी स्थितियां साफ कर देगी.
राठौड़ का दावा- सरकार के एक साल में 50 फीसदी से ज्यादा संकल्प पूरे
उन्होंने भजनलाल सरकार के कार्यकाल के एक साल को बेमिसाल बताते हुए कहा कि एक साल में सरकार ने अपने 50 प्रतिशत से अधिक संकल्पों को पूरा किया है. साथ ही 10—10 नई नीतियां बनाई है, जो प्रदेश की तस्वीर और तकदीर बदलने का काम करेगी. राइजनिंग राजस्थान में 35 लाख करोड़ के एमओयू हुए है. इन्हें धरातल पर उतारने के लिए ही 10 नई नीतियां बनाई है. हर एमओयू के साथ एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को लगाया गया है. ताकि सभी एमओयू बिना किसी व्यवधान के साकार हो सके. जब ये एमओयू धरातल पर आएंगे तो प्रदेश में उद्योग लगेंगे और निवेश आएगा. निवेश के साथ रोजगार के अवसर आएंगे.
"विपक्ष चाय के प्याले में तूफान लाना चाहता है"
साथ ही राठौड़ ने बताया कि यमुना के पानी को लेकर 32 हजार करोड़ रूपए की डीपीआर तैयार हो रही है. यह भी जल्द ही साकार रूप लेगी. उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बाबा साहेब अंबेडकर पर टिप्पणी के बाद उपजे विवाद भी राय रखी. राठौड़ ने कहा कि विपक्ष चाय के प्याले में तूफान लाना चाहता है, यह कोशिश उनकी नाकामयाब रही है. गृहमंत्री के पूरे बयान को सुना जाए तो उसमें अपमान जैसी कोई बात नहीं है.
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