
Didwana News: डीडवाना में लाडनूं के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों में विवाद बढ़ गया है. विवाद इस कदर बढ़ा है कि प्रमुख चिकित्सा अधिकारी यानी पीएमओ को धमकी मिलने की बात कही जा रही है. मामला एक डॉक्टर के एपीओ आदेश से जुड़ा है. जब पीएमओ ने डॉक्टर को एपीओ को किया, जिसके विरोध में डॉक्टर अपने साथ कई लोगों को लेकर पहुंच गया और धरना देना शुरू कर दिया. वहीं, पीएमओ ने जान का खतरा बताते हुए धमकी भरे फोन कॉल की शिकायत भी पुलिस में दी. मामला इस कदर गरमा गया कि लाडनूं विधायक मुकेश भाकर भी सरकारी अस्पताल पहुंचे और अस्पताल को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनाने की हिदायत दी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर चेनाराम चौधरी और डॉक्टर कानाराम डूकिया के बीच कुछ दिनों से विवाद चल रहा है. पीएमओ डॉ. चेनाराम चौधरी ने आरोप लगाया कि 16 फरवरी को डॉ. कानाराम डूकिया उनके रूम में आए और उनके साथ अभद्रता की. इसके बाद पीएमओ ने एक्शन लेते हुए डॉ. कानाराम डूकिया को एपीओ कर दिया.
आदेश जारी करते हुए डॉ. कानाराम डूकिया को संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं जोन अजमेर के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया. डॉ. कानाराम और उनके समर्थकों ने इस आदेश का विरोध किया. वह अस्पताल पहुंचे और पीएमओ के खिलाफ धरना- प्रदर्शन किया. लोगों ने अस्पताल प्रशासन और पीएमओ पर मनमर्जी के आरोप लगाते हुए नारेबाजी की.
विधायक की नसीहत- अस्पताल को नहीं बनाएं राजनीति का अखाड़ा
मुकेश भाकर ने चेतावनी दी कि अगर अस्पताल के डॉक्टर अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, "अस्पताल में मरीज को बेहतर सुविधा मिले, इसके लिए यहां अनेक डॉक्टर लगाए गए थे. दुर्भाग्य की बात है कि डॉक्टरों ने पिछले एक साल से अस्पताल को राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है."
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग डॉक्टरों को परेशान कर रहे हैं. उन्होंने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अस्पताल में भाजपा के अनेक लोग यहां विधायक बनकर घूम रहे हैं. अस्पताल प्रबंधन द्वारा अगर एपीओ का निर्णय नहीं बदला जाता है तो वह खुद जिला कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन करेंगे.
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