
Rajasthan Politics: राजस्थान के किशनगढ़ और आसपास के इलाकों में नकली खाद फैक्ट्रियों पर कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की छापेमारी ने सनसनी मचा दी है. इस कार्रवाई के बाद राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूछा है कि 18 महीनों से चल रहे इस रैकेट पर पहले क्यों चुप्पी साधी गई.
प्रभावित किसानों को मिले मुआवजा
किशनगढ़ के कांग्रेस विधायक विकास चौधरी ने कहा कि नकली खाद ने किसानों की फसलों और खेतों को बर्बाद कर दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि इन फैक्ट्रियों में कितनी खाद बनी, इसे कहां बेचा गया और किन लोगों की मिलीभगत से यह धंधा फलता-फूलता रहा. चौधरी ने मांग की कि प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए और दोषी अधिकारियों व नेताओं पर सख्त कार्रवाई हो.
संगठित गिरोह का खेल
चौधरी ने बताया कि उन्हें लगातार किसानों के फोन आ रहे हैं, जो इस धोखाधड़ी से परेशान हैं. उनका दावा है कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं, बल्कि एक बड़ा संगठित गिरोह है, जो राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी नकली खाद और रसायन सप्लाई कर रहा है.
कांग्रेस का सरकार पर हमला
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है. उन्होंने विधायक चौधरी को मौके पर भेजकर स्थिति का जायजा लेने को कहा.
अजमेर के कांग्रेस नेता भी इस मामले में सक्रिय हो गए हैं. चौधरी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने 2022 में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन नकली खाद ने किसानों को बर्बादी की कगार पर ला खड़ा किया."
सड़कों पर उतरेंगे किसान
मामले पर चौधरी ने कहा, "2022 में प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात की थी, लेकिन आज किसान नकली खाद से बर्बाद हो रहे हैं. भाजपा सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है." उन्होंने स्थानीय प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए जांच की मांग की है. कांग्रेस ने चेताया है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे.
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