Rajasthan Politics: क्या कांग्रेस मेवाराम जैन को फिर देगी मौका? अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद राजनीतिक हलचल तेज

Mewaram Jain Congress: बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की है. कांग्रेस से निष्कासित नेता मेवाराम जैन की गहलोत से मुलाकात से राजस्थान की राजनीति गरमा गई है.

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Mewaram Jain Congress: कथित अश्लील वीडियो के मामले में पिछले साल कांग्रेस से निष्कासित किए गए पूर्व विधायक मेवाराम जैन जल्द सक्रिय राजनीति में वापसी कर सकते हैं. बीते कुछ दिनों से मेवाराम जैन अलग-अलग कार्यक्रमों में सहभागिता करते हुए अपने आप को सुर्खियों में बनाए हैं. इस बीच बुधवार को मेवाराम जैन की पूर्व सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात ने राजस्थान की राजनीतिक हलचल तेज कर दी है.  

उल्लेखनीय हो कि मेवाराम जैन गहलोत गुट के नेता माने जाते हैं. ऐसे में मेवाराम जैन की गहलोत से मुलाकात आने वाले दिनों में सक्रिय राजनीति में वापसी के संकेत साफ दिख रहे हैं. पूर्व विधायक पिछले दो दिन से जयपुर में डेरा जमाएं हैं. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि आगामी दिनों में निकाय और पंचायती राज चुनावों में मेवाराम जैन गेम चेंजर की भूमिका होंगे.

बाड़मेर की राजनीति के चाणक्य कहे जाते हैं मेवाराम

मेवाराम जैन बाड़मेर की राजनीति के चाणक्य कहे जाते रहे हैं. इसी के दम पर बाड़मेर विधानसभा से लगातार तीन बार विधायकी का चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहें. इसके इलावा इनके तीनों कार्यकाल में अपनी राजनीति कूटनीति के चलते नगर परिषद से लगातार पंचायत समिति के चुनावों में कांग्रेस को जिताने में कामयाब रहें.

विवादों में फंसने के बाद पार्टी ने किया निष्कासित

लेकिन कहते है कामयाबी के नाकामयाबी का दौर जब शुरू होता है तब सब कुछ बर्बाद हो जाता है. मेवाराम जैन के साथ भी यही हुआ. पिछले विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद लगातार इनका बुरा समय शुरू हुआ. चुनाव के बाद इनके खिलाफ दुष्कर्म पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज हुआ और इसी मामले में वित्तीय लेन की खबरों के बाद ईडी भी पूछताछ के लिए पहुंची. 

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राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम अशोक गहलोत के साथ मेवाराम जैन.

हाईकोर्ट से रेप मामले में क्लीन चिट

साथ ही सोशल मीडिया पर तथाकथित वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने मेवाराम जैन को पार्टी से निष्कासित किया गया. वीडियो को लेकर दावा किया जाता रहा है कि वीडियो मेवाराम जैन का है. हालांकि जोधपुर के राजीव गांधी नगर थाने में दर्ज मामले में हाई कोर्ट ने जैन को बरी कर दिया. 

अश्लील वायरल वीडियो से धूमिल हुई प्रतिष्ठा

लेकिन जो प्रतिष्ठा विधानसभा चुनाव से पहले मेवाराम जैन की थी वो तब तक धूमिल हो चुकी है. यहां तक पार्टी के नेता उनकी वापसी बैरिकेड लगाने में लगे है. जैन से जूनियर नेता उनके साथ मंच साझा करने पर भी ऐतराज जता चुके हैं ऐसे में जैन की गहलोत सहित कांग्रेस नेताओं से मुलाकात उनकी वापसी को लेकर कितना काम आती है ये देखने वाली बात होगी.

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लोकसभा चुनाव रविंद्र भाटी को सपोर्ट करने की बात

तथाकथित वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने मेवाराम जैन को निष्कासित कर दिया, इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओ ने मेवाराम जैन पर अंदरखाने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रविंद्र सिंह भाटी के को सपोर्ट करने के आरोप लगाए. हालांकि चुनावों के दौरान मेवाराम जैन सक्रिय नजर नहीं आएं. 

हरीश चौधरी ने मेवाराम जैन पर लगाए गंभीर आरोप

इस दौरान ना तो किसी सभा में दिखे और ना ही प्रत्याशी के पक्ष में कोई जनसभा या जनसंपर्क किया, लेकिन लोकसभा चुनावों में मिली जीत के बाद बाड़मेर जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित धन्यवाद सभा में मेवाराम जैन का नाम लिए बिना पूर्व मंत्री और कांग्रेस के विधायक हरीश चौधरी ने जमकर जुबानी हमला बोला था. उन्होंने जैन पर अपनी राजनीतिक मंसूबे सिद्ध करने के कांग्रेस को RSS के कदमों डालने के आरोप लगाएं.

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हरीश चौधरी ने कहा- उन्हें देख कांग्रेसी भी बंद कर लेते दरवाजा

मेवाराम जैन के कथित अश्लील वीडियो पर हरीश चौधरी ने तंज कसते हुए कहा की लोग कांग्रेसियों को देखकर दरवाजे बंद कर लेते है. कहते है हमारे घर में बहन बेटियां हैं. हरीश चौधरी के इस हमले बाद कयास लगाए जा रहे थे कि मेवाराम जैन अब निर्वासन झेलने के बाद वापसी में लगे हैं और उनकी ही पार्टी के बड़े लीडर वापसी पर बैरिकेड लगाने में लगे हैं.


सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रियता से दिए वापसी के संकेत 

मेवाराम जैन बाड़मेर की राजनीति में पिछले 25 सालों से सक्रिय हैं. दो बार गांव के सरपंच रहने के बाद बाड़मेर शहर का रुख किया और नगर पालिका में पार्षद का चुनाव जीत कर नगर पालिका अध्यक्ष बने. जिसके बाद 2008 में पहली बार कांग्रेस को टिकट पर चुनाव लड़ा जीते इसके बाद 2013, 2018 में लगातार तीन बार जीतकर विधायक बने.

गहलोत राज में दर्जा प्राप्त मंत्री थे मेवाराम

बाड़मेर की राजनीति में उन्हें जमीन से जुड़ा हुआ नेता और बाड़मेर की राजनीति का चाणक्य कहा जाने लगा था. पिछली सरकार में सीएम गहलोत ने उन्हें दर्जा प्राप्त मंत्री बनाया था. फिर भी विधायक रहते हुए सादगी के साथ सड़कों पर किसी भी कार्यकर्ता के साथ स्कूटी पर नजर आना आम बात थी. 

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मेवाराम जैन तक हर कार्यकर्ता की पहुंच

हरेक कार्यकर्ता से आसानी से सीधा मिलना उनकी शैली रही हैं. हालांकि विवाद में फंसने के बाद थोड़े समय के लिए सक्रिय राजनीति से दूर भले ही रहे लेकिन इस दौरान हार के बाद भी उनकी चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में बढ़-चढकर जारी रही हैं. 

जयपुर दौरे में बड़े नेताओं से कर रहे मुलाकात

लोकसभा चुनाव बीतने और हाई कोर्ट द्वारा दुष्कर्म और पॉक्सो मामले में क्लीन चिट के बाद मेवाराम जैन एक बार फिर नए सिरे से बाड़मेर की राजनीति में वापसी के संकेत दिए है और इसी को लेकर सोमवार जयपुर के दौरे पर हैं और कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.

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