Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर जिले की राजनीति में एक नेता का नाम फिर चर्चाओं में है. पिछले करीब पांच-छ महीने पहले यहां की राजनीति इनके इर्द गिर्द घूमती थी. लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद सेक्स स्कैंडल में नाम आने और कुछ तथाकथित अश्लील वीडियो वायरल होने से अब आमजन इस नेता का नाम लेने से भी बचते हैं. मगर, यह नेता अब राजनीति में वापसी को लेकर हाथपांव मार रहा है और विरोधी इसे रोकने की पुरजोर कोशिश में लगे हैं.
चौधरी के बयान के बाद से चर्चाएं
ये नाम है बाड़मेर विधानसभा से 3 बार विधायक और राजस्थान गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे मेवाराम जैन (Mewaram Jain) का. पिछले 6 महीने से विधानसभा चुनाव हारने के बाद तथाकथित दुष्कर्म का मामला दर्ज होने और ईडी की कार्रवाई के चलते यह नेता गुमनामी में जाता हुआ दिख रहा था. लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद शहर में स्थित कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं की मीटिंग हुई, जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) द्वारा मेवाराम जैन का नाम लिए बिना उन पर बड़ा जुबानी हमला बोला गया. यह कहीं ना कहीं एक इशारा था कि मेवाराम जैन अब जल्द ही राजनीति में वापसी करने वाले हैं.
पायलट गुट के नेता ने की पोस्ट
इसी को लेकर गुरुवार (14 जून) को बाड़मेर विधानसभा के एक युवा नेता की पोस्ट भी चर्चाओं में बनी हुई है. यह युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ (Azad Singh Rathore) हैं, जो सचिन पायलट (Sachin Pilot) गुट के माने जाते हैं. पूर्व में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के सदस्य हैं. वे पिछले 10 सालों से बाड़मेर विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के गुट से आने वाले पूर्व विधायक मेवाराम जैन हर बार इन्हें टिकट की रेस में हराने में कामयाब रहे हैं.
आजाद सिंह ने पोस्ट में क्या लिखा?
बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में स्थित सुरा गांव में एक निजी स्कूल का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित होना है. इस कार्यक्रम को लेकर आयोजकों द्वारा निमंत्रण पत्रिका छपवाई गई है, जिसमें पूर्व विधायक मेवाराम जैन, आजाद सिंह राठौड़ सहित कई नेताओं जनप्रतिनिधियों और समाजसेवीओं का अतिथियों की लिस्ट में नाम लिखा हुआ है. इसी को लेकर कांग्रेस नेता आजाद सिंह राठौड़ ने आपत्ति जताते हुए लिखा, 'इस आमंत्रण में ना तो मेरा नाम पढ़ा जाये, ना ही मेरी इस कार्यक्रम को लेकर कोई स्वीकृति है, ना ही यह आमंत्रण स्वीकार है. मैं किसी दुराचारी, चरित्रहीन, निकृष्ट व्यक्ति के साथ मंच साझा नहीं कर सकता. शर्मनाक, अश्लील व बेशर्म लोग मुझे अपने “दूराचार ग्रुप” में शामिल करने की कोशिश ना करें. आयोजक तुरंत इस निमंत्रण पत्र से मेरा नाम हटाएं. मैं राजनीतिक नफे-नुक्सान के कारण अपनी अंतरात्मा, चरित्र और समाज हित से समझौता नहीं कर सकता. मुझे बाड़मेर की वर्तमान ही नहीं, अगली आने वाली पीढ़ी को भी जवाब देना है. मैं उनके सामने निर्लज्ज साबित नहीं होना चाहता.'
रविंद्र भाटी की मदद करने का आरोप
पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस नेताओं द्वारा कांग्रेस के ही पूर्व विधायक पर लगातार जुबानी हमलों से कहीं न कही साफ है कि मेवाराम जैन राजनीति में जल्द वापसी कर सकते हैं. इसी को लेकर उन पर हमले किए जा रहे हैं. आपको बता दें कि मेवाराम जैन बाड़मेर विधानसभा से लगातार 3 बार विधायक रहे हैं. पिछली गहलोत सरकार में उन्हें राजस्थान गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष यानी दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री बनाया गया था. इस बार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी प्रियंका चौधरी से चुनाव हार गए थे. हार के बाद जोधपुर के राजीव नगर थाने में उनके विरुद्ध दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ और कुछ दिन बाद ही एक तथाकथित अश्लील वीडियो वायरल हुआ. उस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा था कि ये वीडियो पूर्व विधायक मेवाराम जैन का है. हालांकि कुछ समय मेवाराम जैन को इस मामले में क्लीन चिट मिलने का दावा किया जा रहा है. यह भी बात निकलकर सामने आ रही है कि लोकसभा चुनाव में मेवाराम जैन ने कांग्रेस से भीतरघात करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी की मदद की थी. इसके बाद से ही कांग्रेस के नेताओं उनकी वापसी पर बैरिकेड लगाए हुए हैं. अब देखने वाली बात होगी कि तमाम बैरिकेड के बाद भी क्या मेवाराम जैन कांग्रेस और बाड़मेर की सक्रिय राजनीति में वापसी कर पाते हैं या नहीं.
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