Pushkar Brambha Temple: पुष्कर सरोवर में मछलियों के मरने के कारण पानी गंदा हो रहा है. श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को भी ठेस पहुंच रही है. स्थानीय तीर्थ पुरोहितों ने कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की, इसके बाद भी समस्या का निदान नहीं हुआ. अब नाराज होकर तीर्थ पुरोहितों ने आज (31 जुलाई) को पुष्कर का बाजार और ब्रह्मा मंदिर के प्रवेश द्वार बन्द कर दिये. तीर्थ पुरोहितों ने पुष्कर घाट पर पूजा-पाठ कराना भी बंद दिया, जिससे श्रद्धालुओं को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा.
"प्रशासन को पुष्कर सरोवर की नहीं चिंता"
तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट के कार्यवाहक अध्यक्ष पुष्कर नारायण आदाली ने NDTV को बताया कि पिछले कई दिनों से पुष्कर सरोवर में मछलियां मर रही हैं. जिला कलेक्टर डॉ. भारती दीक्षित को भी इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कई बार ज्ञापन दिए गए. कई बार मौखिक रूप से भी बताया गया. लेकिन, आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. रोजाना सरोवर में हजारों मछलियां दम तोड़ रही हैं, जिससे पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर दुर्गंध फैल रही है. 5 मिनट भी पुरोहित और श्रद्धालु घाट पर नहीं बैठ सकते.
सुबह से ही पुष्कर के बाजार बंद
पुष्कर के पुरोहितों ने इस मुद्दे को लेकर बुधवार (31 जुलाई) सुबह लामबंद हुए. श्रद्धालुओं को ब्रह्मा मंदिर में जाने से रोक दिया. मंदिर की सीढ़ियों पर बैठकर धरना-प्रदर्शन किया. कुछ तीर्थ पुरोहितों ने पुष्कर बाजार में खुली दो-चार दुकानों को भी बंद कराकर विरोध जाहिर किया. इस दौरान पुरोहितों ने जिला कलेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. सुबह से ही पुष्कर बाजार के सभी प्रतिष्ठान बंद नजर आए.
दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को हुई परेशानी
मथुरा से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि तीर्थ नगरी पुष्कर पूरे देश में विख्यात है. सरोवर में मछलियों का मरना काफी गंभीर विषय है. प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए. वह अपने परिवार के करीब 50 लोगों के साथ पुष्कर घूमने आए हैं. बाजार बंद होने से उन्हें काफी परेशानी हुई. भगवान ब्रह्मा के दर्शन भी नहीं कर पाए.
सरोवर में ऑक्सीजन की कमी से मर रहीं मछलियां
पुष्कर एसडीओ निखिल कुमार पोद्दार ने बताया कि पुष्कर सरोवर में ऑक्सीजन की लगातार कमी हो रही है, जिसकी वजह से रोजाना मछलियां मर रही हैं. मछलियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. सरोवर में 4 ऑक्सीजन के लिए फाउंटेन भी लगाए गए हैं, जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. गंदे पानी को सरोवर में आने से रोकने का प्रयास भी किया जा रहा है. ताजा पानी के लिए पांच ट्यूबवेल भी लगाए गए हैं, जिससे लगातार सरोवर में ताजा पानी छोड़ा जा रहा है. सरोवर में चूना भी डाला जा रहा है. मरी मछलियों को निकाल कर घाटों से हटाया जा रहा है.