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This Article is From Mar 26, 2025

Rajasthan MBBS Ragging: यूपी-बिहार के मेडिकल कॉलेजों में होती है सबसे ज्यादा रैगिंग, केंद्र की लिस्ट में इस नंबर पर है राजस्थान

Medical Colleges Ragging Case: अनुप्रिया पटेल ने कहा कि नियमों का पालन न करने पर कड़ी सजा दी जाएगी, जिसमें मान्यता रद्द करना और अन्य दंडात्मक उपाय शामिल हैं.

Rajasthan MBBS Ragging: यूपी-बिहार के मेडिकल कॉलेजों में होती है सबसे ज्यादा रैगिंग, केंद्र की लिस्ट में इस नंबर पर है राजस्थान
प्रताकात्मक तस्वीर

Rajasthan News: देशभर के मेडिकल कॉलेजों में रैगिंग के बढ़ते मामलों पर सरकार ने आंकड़े जारी किए हैं. जिसमें राजस्थान तीसरे स्थान पर है जबकि यूपी 33 मामलों के साथ पहले स्थान पर है. 2024 तक सरकार को राज्य में सिर्फ 15 शिकायतें मिली थीं. 

संस्थानों की जाती है कड़ी निगरानी

पटेल ने एक लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें नियमित निगरानी और चिकित्सा संस्थानों के डीन और प्रिंसिपलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए फॉलो-अप शामिल है. इसके अतिरिक्त, एनएमसी ने इन संस्थानों द्वारा वार्षिक एंटी-रैगिंग रिपोर्ट देने के लिए अनिवार्य किया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे एंटी-रैगिंग प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं.

 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता भी ली जा सकती है वापस 

इस बारे में आगे जानकारी देते हुए राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि गैर-अनुपालन पर कठोर दंड लगाया जाता है, जिसमें सुरक्षित और सहायक शैक्षणिक वातावरण बनाए न रखने के लिए मेडिकल कॉलेजों की मान्यता वापस लेना या अन्य सजा देने की कार्रवाई शामिल हो सकती है.

जीरो-टॉलरेंस नीति पर हमेशा रहता है जोर

 पटेल ने आगे कहा कि रैगिंग के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस का माहौल बनाने और मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षित और एंटी फ्री रैंगिग माहौल देने  के लिए सरकार ने कई उपाय लागू किए हैं. इनमें मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में रैगिंग की रोकथाम और निषेध विनियम, 2021 का पालन किया जाना शामिल है.  जिसमें संस्थानों की जिम्मेदारियों और रैंगिग रोकने वाले उपायों पर प्रकाश डाला गया है.

एंटी-रैगिंग उपायों के बारे ब्रॉशर में किया जाता है जिक्र 

इसके अलावा संस्थान के ब्रोशर, प्रॉस्पेक्टस और पुस्तिकाओं में एंटी-रैगिंग उपायों के बारे में विशेष तौर पर शामिल किया है.साथ ही, कॉलेजों, अस्पतालों और हॉस्टल्स सहित परिसर के संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और संस्थानों के अंदर अलग - अलग स्थानों पर एंटी-रैगिंग पोस्टर और होर्डिंग जारी किए गए हैं.

ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करा सकते है शिकायत

हर छात्र और उनके माता-पिता/अभिभावक और  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से  एनएमसी ने एक पोर्टल स्थापित किया है, जहां छात्र रैगिंग से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा, पटेल ने एनएमसी एंटी-रैगिंग सेल के बारे में भी बतया जिसपर ईमेल (antiragging@nmc.org.in) और यूजीसी हेल्पलाइन (antiragging.ugc.ac.in) के माध्यम से शिकायतों दर्ज कराई जा सकती है. क्योंकि इनकी निगरानी और समाधान खुद सरकार करती है. 

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