
Rajasthan News: राजस्थान के चूरू जिले के रिड़खला गांव में 27 राजपूत रेजीमेंट के सिपाही बबलू सिंह (28 वर्ष) असम के तेजपुर में क्लास पोस्ट पर हथियार प्रशिक्षण के दौरान 12 सितंबर को सिर में गंभीर चोट लगने से घायल हो गए. इसके बाद उन्हें पहले तेजपुर सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया, फिर गुवाहाटी सैन्य अस्पताल ले जाया गया. 24 सितंबर को इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली. वहीं अब उनको गांव में शहीद का दर्जा देकर नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई. भारत माता की जय और बबलू सिंह अमर रहे के नारों के बीच उनका अंतिम संस्कार किया गया.
तिरंगा यात्रा से गूंजा आसमान
अंतिम संस्कार से पहले घण्टेल से रिड़खला गांव तक युवाओं ने बाइक पर तिरंगा यात्रा निकाली. बबलू सिंह अमर रहे के नारों से आसमान गूंज उठा. महाराणा प्रताप विद्यालय के छात्रों ने तिरंगे को सलामी दी.
परिजनों को सौंपा तिरंगा
अंतिम संस्कार में टू जैक राइफल बीकानेर के सुबेदार मेजर प्रतीम सिंह के नेतृत्व में सैनिकों ने राइफल सलामी दी. 27 राजपूत रेजीमेंट के सुबेदार मेजर दानाराम और नायब सुबेदार नत्थू सिंह ने बबलू के चाचा कालू Singh को तिरंगा सौंपा. उनके चचेरे भाइयों अमित, भरत और सुनील ने मुखाग्नि दी.
सात महीने पहले हुई थी शादी
बबलू सिंह ने फरवरी 2025 में जयपुर की काजल से शादी की थी. वे अपने माता-पिता का इकलौता बेटा थे और दो शादीशुदा बहनों के भाई. उनके पिता मोहन सिंह पिछले 25 साल से रीढ़ की हड्डी की बीमारी से बिस्तर पर हैं. माँ मंगेज कंवर उनकी देखभाल करती हैं. परिवार का एकमात्र कमाने वाला बबलू ही था.
गांव में शोक की लहर
बबलू के शहीद होने की खबर से रिड़खला में शोक छा गया. गांव की दुकानें बंद रहीं, किसी घर में चूल्हा नहीं जला. विधायक हरलाल सहारण, पूर्व विधायक मकबूल मण्डेलिया, प्रधान दीपचंद राहड़ सहित कई गणमान्य लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. बबलू मार्च 2017 में सेना में भर्ती हुए थे और जुलाई में आखिरी बार घर आए थे.
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