Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने बेघर और घुमंतू परिवारों को आश्रय देने का फैसला किया है. सरकार ने कहा है कि इन परिवारों को जिले के हर गांव में 300 वर्ग गज तक की जमीन का पट्टा दिया जाएगा. इसके लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग ने परिवारों की पहचान कर पट्टा देने की प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी है.इसके तहत राज्य सरकार 45 हजार गांवों में यह सौगात देने की बात सामने आ रही है.
2 अक्टूबर को मिलेंगे पट्टे
राजस्थान में 11341 ग्राम पंचायतें हैं, जिसमें 44981 गांव शामिल हैं. जिन परिवारों के पास खुद की जमीन नहीं है, उन्हें राज्य सरकार की तरफ से यह तोहफा मिलेगा. जिसे गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर को ग्राम सभा में पट्टे दिए जाएंगे. इसके लिए एक सर्कुलर भी जारी किया गया है. जिसके तहत पंचायती राज आयुक्त और सचिव ने सभी जिला परिषद सीईओ को भूखंड देने के अभियान पर काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं.इसके लिए पंचायती राज विभाग ने 22 अगस्त तक 45 हजार गांवों से बेघर घुमंतू, घुमंतू परिवारों का ब्योरा मांगा है. जिसके बाद 29 अगस्त तक बेघर परिवारों को भूखंड आवंटित करने के लिए हर गांव में जमीन चिह्नित की जाएगी. इसका काम जिला स्तर पर तेजी से किया जा रहा है. वहीं, आवासहीन परिवारों को भूखंड आवंटित करने के लिए 29 अगस्त तक हर गांव में आबादी भूमि का चिह्नांकन किया जाएगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह पहल राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम-158 के तहत आवासहीन एवं घुमंतू परिवारों को आवंटित की गई है. आवासहीन एवं घुमंतू परिवारों को अधिकतम 300 वर्ग गज के भूखंड आवंटित किए गए हैं.
5 सितंबर तक हो सकता है आवेदन
राज्य सरकार के अनुसार इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिसके अनुसार ही इस प्रक्रिया को अमल में लाना होगा. जैसे, भूखंड का आकार भूमि की उपलब्धता के अनुसार बढ़ाया या घटाया जा सकता है. साथ ही टोकन मनी लेने के बाद ही दिया जाएगा.हालांकि, इन रियायती दरों का अभी खुलासा नहीं किया गया है. इसके अलावा पंचायती राज विभाग ने पांच सितंबर तक हर गांव में आवासहीन परिवारों से आवेदन प्राप्त करने की समय सीमा तय की है, जिसके बाद सात सितंबर तक हर गांव से प्राप्त आवेदनों का ब्योरा पंचायती राज विभाग को भेजना होगा. भूखंड आवंटित करने के लिए छह से 25 सितंबर तक ग्राम पंचायत की बैठक बुलाकर प्रस्ताव पारित कराने और औपचारिकताएं पूरी करने की समय सीमा तय की गई है.