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This Article is From May 02, 2024

Rajasthan: रिश्वत कांड में फंसे ACB के तत्कालीन DIG, अपने गनमैन के भाई से मांगी थी ₹9.5 लाख की रिश्वत

हेड कांस्टेबल सरदार सिंह का भाई प्रताप सिंह पहले पुलिस लाइन में तैनात था. विष्णुकांत जब SOG में पदस्थ थे, उस समय प्रताप सिंह उनका गनमैन था. सरदार सिंह के खिलाफ भी एसीबी में केस होने पर प्रताप सिंह ही उनके पास रिश्वत का ऑफर लेकर गया था.

Rajasthan: रिश्वत कांड में फंसे ACB के तत्कालीन DIG, अपने गनमैन के भाई से मांगी थी ₹9.5 लाख की रिश्वत
NDTV Reporter

Rajasthan News: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के तत्कालीन डीआईजी विष्णु कांत (DIG Vishnu Kant) ने जयपुर कमिश्नरेट (Jaipur Commissionerate) के दो पुलिसकर्मियों से IG के नाम पर 9.5 लाख रुपए की रिश्वत ली थी. उप निरीक्षक सत्यपाल पारीक के परिवाद पर एसीबी ने प्राथमिक जांच में यह आरोप सही मानते हुए रिश्वत लेने के आरोपी डीआईजी (होमगार्ड) विष्णुकांत व रिश्वत देने वाले हेड कांस्टेबल सरदार सिंह और उसके भाई प्रताप सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

सत्यपाल पारीक ने ये परिवाद जनवरी 2023 को दिया था. हालांकि उस समय परिवाद पर एसीबी ने गंभीरता नहीं दिखाई. इसके बाद सत्यपाल पारीक ने अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया. अदालत ने जवाब मांगा तो एसीबी ने लिखा कि इस मामले में 13 सितंबर 2023 को प्राथमिक जांच रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. पारीक ने एसीबी को जो ऑडियो वीडियो पेश किए थे, उनकी जांच के आधार पर एसीबी ने मामला दर्ज किया.

किस केस में ली गई थी रिश्वत?

4 अक्टूबर 2021 को एसीबी ने जवाहर सर्किल थाने में दर्ज एक मामले में परिवादी से रिश्वत लेते तत्कालीन कांस्टेबल लोकेश कुमार को ट्रैप किया था. इस मामले में हेड कांस्टेबल सरदार सिंह भी गिरफ्तार हुआ था. जांच अधिकारी उप अधीक्षक सुरेश कुमार स्वामी ने लोकेश कुमार शर्मा के खिलाफ चालान पेश कर दिया और सरदार सिंह के खिलाफ अभियोजन के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मानते हुए प्रकरण में उसका नाम अलग करने की अनुशंसा की. इस दौरान तत्कालीन डीआईजी विष्णुकांत ने उपनिदेशक अभियोजन से राय मांगी. उपनिदेशक अभियोजन ने सरदार सिंह की अपराध में संलिप्त प्रकट होने और इस संबंध में अनुसंधान अधिकारी से विचार विमर्श कर निर्णय लेने की अनुशंसा की. डीआईजी विष्णुकांत ने बिना विचार विमर्श ही अनुसंधान अधिकारी से सहमति जताते हुए सरदार सिंह के खिलाफ अपराध प्रमाणित नहीं माना और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की.

गनमैन के भाई से मांगी थी रिश्वत

हेड कांस्टेबल सरदार सिंह का भाई प्रताप सिंह पहले पुलिस लाइन में तैनात था. विष्णुकांत जब SOG में पदस्थ थे, उस समय प्रताप सिंह उनका गनमैन था. सरदार सिंह के खिलाफ भी एसीबी में केस होने पर प्रताप सिंह ही उनके पास रिश्वत का ऑफर लेकर गया था. प्रताप सिंह ने भी रिश्वत को लेकर हुई बातचीत रिकॉर्ड कर ली थी. यह रिकॉर्डिंग सरदार सिंह ने ही सतपाल को व्हाट्सएप से भेजी थी.

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