
Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर रविवार को डीडवाना दौरे पर रहे. इस दौरान स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षकों के प्रति उनके कड़े तेवर दिखाई दिए. शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल समय का पूरा उपयोग केवल शैक्षिक कार्य में होना चाहिए. सभी शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि स्कूल समय में कोई भी शिक्षक ना तो किसी मंदिर जाएगा, ना ही कोई शिक्षक नमाज पढ़ने जाएगा. अगर निर्देश का पालन नहीं किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. स्कूलों का शैक्षिक वातावरण बेहतर हो, इसके लिए योग्य व संस्कारित शिक्षको की नियुक्तियां की गई हैं.
स्कूलों का शैक्षिक स्तर सुधारने का प्रयास
मदन दिलावर ने ललासरी गांव में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय और का दौरा किया. साथ ही धनकोली के शहीद जीवनराम ख़सवां विद्यालय में भामाशाह अभिनंदन और गुरु वंदन व पूर्व विद्यार्थी संगम कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने स्कूल निरीक्षण के दौरान कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि सरकारी स्कूलों का शैक्षिक स्तर सुधारा जाए और विद्यार्थियों के लिए सभी संसाधन उपलब्ध हो. इसके लिए हमारी सरकार भामाशाहों को भी प्रोत्साहित कर रही है.
विद्यालय विकास के लिए डेढ़ करोड़ रुपए का सहयोग देने वाले भामाशाह सांवर हर्षवाल का अभिनन्दन करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि सांवर हर्षवाल जैसे भामाशाह समाज में मौजूद है, जो अपने गांव और अपने स्कूल के विकास में सरकार को सहयोग देते हैं.
शिक्षकों के प्रमोशन के लिए मांगी अनुमति
शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जल्द ही 25000 तृतीय श्रेणी शिक्षकों (थर्ड ग्रेड टीचर) का द्वितीय श्रेणी में प्रमोशन करने वाली है. इसके लिए हमने न्यायालय से भी निवेदन किया है. न्यायालय से अनुमति मिलते ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों का प्रमोशन तत्काल कर दिया जाएगा.
इतिहास का जिक्र करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे महापुरुषों और क्रांतिकारियों का इतिहास वीरता से भरा और गौरवशाली रहा है, लेकिन दुर्भाग्य है कि हमें ऐरे गेरे लोगों द्वारा हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया. गलत पुस्तकों के माध्यम से हम पर गलत इतिहास का बोझ डाला था, लेकिन अब इतिहास का पुनर्लेखन किया जा रहा है. नई किताबें आएंगी तो बच्चों को हमारे पूर्वजों का वास्तविक इतिहास पता चलेगा.
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