Rajasthan News: राजस्थान के किसानों के लिए शुक्रवार (13 दिसम्बर) को सरकार खुशखबरी लेकर आई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के किसानों के सशक्तीकरण और खुशहाली के संकल्प के साथ काम कर रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर आयोजित हो रहे कार्यक्रमों में अजमेर के राज्यस्तरीय किसान सम्मेलन में शिरकत करते हुए प्रदेश के किसानों को विभिन्न कल्याणकारी सौगातें देंगे.
70 लाख से अधिक किसानों को मिलेंगे पैसे
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शर्मा प्रदेश के 70 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि की दूसरी किश्त के रूप में 700 करोड़ से अधिक की राशि का सीधा हस्तान्तरण करेंगे. वहीं 15 हजार 983 किसानों को ड्रिप/फव्वारा संयंत्रों के लिए 28 करोड़ रूपये से अधिक, 17 हजार से अधिक किसानों को फार्म पौण्ड, पाइपलाइन, तारबन्दी, डिग्गी निर्माण, कृषि यंत्र, जैविक खाद सहित विभिन्न कार्यों के लिए 74 करोड़ से अधिक की राशि और सोलर पंप स्थापना संवेदन के 80 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी.
पशुपालकों को देंगे 200 करोड़
इसी प्रकार प्रदेश के 3 लाख 25 हजार पशुपालकों को 5 रूपए प्रति लीटर के आधार पर 200 करोड़ रूपए की सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी. साथ ही कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कृषि संकाय में अध्ययनरत 10 हजार 500 छात्राओं को 22 करोड़ रूपए प्रोत्साहन राशि का डीबीटी भी किया जाएगा.
इन योजनाओं का होगा शुभारंभ
मुख्यमंत्री शर्मा इस अवसर पर मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना, ऊंट संरक्षण और विकास मिशन और 100 गौशालाओं में गौ काष्ठ मशीन उपलब्ध करवाने के कार्य का शुभारम्भ भी करेंगे. साथ ही 200 नए बल्क मिल्क कूलर्स, एक हजार नए दूध संकलन केन्द्र की भी शुरूआत की जाएगी. इसके अतिरिक्त गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत 20 हजार गोपालकों को 1 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा.
15 हजार किसानों को देंगे 300 करोड़
वहीं कार्यक्रम में 15 हजार किसानों को पीएम कुसुम-बी योजनान्तर्गत सोलर पम्प के लिए 300 करोड़ रूपये के अनुदान और ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण की प्रथम किस्त के 10 करोड़ रूपए की स्वीकृतियां प्रदान की जाएगी. इसके अलावा सीकर जिले से एग्रीस्टेक के माध्यम से किसानों का पंजीकरण और ऑनलाइन माध्यम से सीमाज्ञान के आवेदन और सहमति विभाजन नामांतरण प्रक्रिया का प्रारंभ किया जाएगा.