
Rajasthan News: राजस्थान में उदयपुर के सिटी पैलेस में बुधवार को श्रीजी के तौर पर अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ. जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है. दरअसल उदयपुर राज परिवार का गादी दस्तूर 16 उमराव(अब 23) मिलकर करते हैं.
जिनमें से सलूंबर के उमराव अपने रक्त तिलक से महाराणा का राजतिलक करते हैं और बाकी उमराव महाराणा को गादी दस्तूर के समय नजराना पेश करते हैं उसके बाद ही मेवाड़ के महाराणा का दस्तूर पूरा होता है. लेकिन मेवाड़ के ज्यादातर उमराव परिवारों ने बुधवार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी.
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के गादी दस्तूर का विरोध
इसके बाद विवाद शुरू हो गया है. 16 उमराव में से एक भिंडर के उमराव और पूर्व विधायक रणजीत सिंह भींडर ने कहा कि किसी भी परिवार में किसी के भी पिता के निधन पर पारिवारिक पाग का दस्तूर हर परिवार में होता है. लेकिन माहाराणा के लिए गादी दस्तूर 16 उमराव मिलकर करते हैं. जो अब 23 हो गए हैं. वहीं 23 उमराव मिलकर महाराणा बनाते है. सलूम्बर के उमराव बनने वाले महाराणा का रक्त तिलक करते है और बाकी उमराव नजराना पेश करते है ये परम्परा हमेशा से चली आ रही है.
'हमारे महाराणा विश्वराज सिंह है'
महाराणा प्रताप से विश्वराज तक का राजतिलक ऐसे ही हुआ है हमारे महाराणा विश्वराज सिंह है. जिनका राजतिलक 25 नवम्बर को हो चुका है. उन्होंने कहा कि 25 नवम्बर को सभी उमराव और राव आए थे. अब जो हुआ उसे राजतिलक और गादी दस्तूर कहना गलत है. हिंदुआ सूरज एकलिंग दीवान श्रीजी महाराणा एक ही उपाधि है.
1500 साल के इतिहास की उड़ रही खिल्ली
उन्होंने आगे कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि कोई श्रीजी बने और कोई महाराणा. लक्ष्यराज के पिता अरविंद मेवाड़ का भी तिलक नहीं. अब लक्ष्यराज सिंह को गादी दस्तूर को कहकर 1500 साल के इतिहास की खिल्ली उड़ाई जा रही है. उन्होंने कहा कि सम्पत्ति में पारिवारिक विवाद है. वो अलग बात है उससे हमारा(उमरावों) कोई लेना देना नहीं है. हमारा कहना है महाराणा केवल विश्वराज है, विश्वराज जी ही महाराणा है, हर जगह लोग आज के कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं.
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