Rajasthan's Weather Broken Records: इस बार सर्दी के मौसम में पिछले दस सालों में सबसे ज़्यादा कोहरे का असर देखने को मिला. आमतौर पर बीकानेर में जहां तकरीबन पांच दिनों तक कोहरा पड़ता है, वहीं इस बार जनवरी माह में बीस दिनों तक और फ़रवरी में पांच दिन कोहरे का असर रहा.
गौरतलब है फ़रवरी में श्रीगंगानगर में 8 दिनों तक कोहरा रहा, लेकिन घना कोहरा चार दिनों तक माना गया. बीकानेर में फ़रवरी माह में पांच दिनों तक कोहरा रहा, लेकिन मौसम विभाग ने उसे कोहरे की श्रेणी में नहीं रखा. अगर दिसम्बर से मार्च तक के बीच आंकड़े देखें तो दिसम्बर और जनवरी में दो - दो दिन और फ़रवरी में एक दिन कोहरा रहता है, लेकिन इस वर्ष जनवरी में पिछले सालों के मुक़ाबले दस गुना ज़्यादा कोहरा छाया रहा.
मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि जनवरी का महीना सर्दी के एतबार से सही था. फ़रवरी में भी फल और दूसरे सप्ताह तापमान सामान्य रहा. लेकिन तीसरे सप्ताह में पारा चढ़ने लगा. इस बार सर्दी भी औसत ही रही.
बारिश में हालात रहे सामान्य
इस बार सर्दी के मौसम में बारिश भी ज़्यादा नहीं रही. बीते सालों में हर बार फ़रवरी और मार्च में फसलें तबाह हुई, मगर इस बार मौसम की मेहरबानी रही. दिसम्बर में तो सिर्फ़ बूंदें ही गिरीं, वहीं जनवरी में एक एम एम ए भी कम बारिश हुई. फ़रवरी में 9 एम एम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन क़रीब 11 एम एम बारिश हुई. इससे रबी की फसलों को फ़ायदा हुआ.
चार दिनों तक गिरा पाला
बीकानेर में पाले का असर चार दिनों तक रहा. इन चार दिनों में बीकानेर का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री के आसपास ही रहा. शहर से बाहर दो डिग्री रिकॉर्ड किया गया. इस वजह से कई इलाकों में फसलों को नुक़सान हुआ.
कोहरा गेंहू और सरसों की फसलों के लिए फायदेमंद
कोहरा गेंहू और सरसों की फसलों के लिए फायदेमंद होता है. इसके पड़ने से इन दोनों फसलों को नमी और पानी की पूर्ति हो जाती है और इसके बाद पड़ने वाली ठंड से इन फसलों को फ़ायदा पहुंचता है. पाला पड़ने से जहां फसलों को नुक़सान होता है, वहीं कोहरा फसलों के लिए खतरा साबित नहीं होता. लेकिन यातायात के लिए कोहरा खतरनाक साबित होता है. कोहरे के दौरान विजिबिलिटी कम हो जाती है और नतीजा एक्सीडेंट के रूप में सामने आता है.
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