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Rajasthan: यमुना जल से बदलेगी शेखावाटी की तस्वीर, 30 साल बाद समझौते को जमीन पर उतारने की तैयारी

इससे क्षेत्र की खेती में क्रांति आ सकती है, जो अभी तक बरसात और सीमित नहरों पर निर्भर है. जल आपूर्ति बढ़ने से न केवल कृषि को, बल्कि उद्योगों को भी फायदा होगा. इससे राजस्थान में विशेषकर शेखावाटी जैसे क्षेत्रों में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा.

Rajasthan: यमुना जल से बदलेगी शेखावाटी की तस्वीर, 30 साल बाद समझौते को जमीन पर उतारने की तैयारी
अगर यमुना का पानी शेखावाटी में आय तो इलाके की सूरत बदल सकती है.

Yamuna water in Shekhawati: राजस्थान देश का ऐसा राज्य है जहां जल संकट दशकों से बड़ी चुनौती रही है. विशेषकर शेखावाटी अंचल चूरू, झुंझुनूं और सीकर जैसे इलाके लंबे समय से पेयजल और सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर हैं. लेकिन अब 1994 के ऐतिहासिक यमुना जल समझौते को लागू करने की दिशा में भजन लाल सरकार ठोस प्रयासों के बाद राजस्थान को पहली बार इसका व्यावहारिक लाभ मिलने जा रहा है.

क्या है यमुना जल समझौता ? 

मई 1994 में केंद्र सरकार की पहल पर पांच राज्यो राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के बीच यमुना नदी के जल के बंटवारे को लेकर एक समझौता हुआ था. इस समझौते के अनुसार, मानसून अवधि में हर साल राजस्थान को ताजेवाला हैड (अब हथनीकुंड बैराज) से 1917 क्यूसेक जल उपलब्ध कराया जाना था.

लेकिन इस जल को राजस्थान तक लाने की कोई स्पष्ट योजना न होने के कारण यह जल दशकों तक सिर्फ कागजों में ही बंटता रहा.फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में इस समझौते को अमल में लाने पर सहमति बनी. अब पहली बार जमीन पर काम शुरू हो रहा है.

जल्द ही हरियाणा और राजस्थान के बीच बनेगी DPR 

मुख्यमंत्री ने खुद हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से फोन पर बात कर जल निकासी और पाइपलाइन योजना को आगे बढ़ाने पर सहमति बनाई है. दोनों राज्यों ने मिलकर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट DPR तैयार करने का निर्णय लिया है. यह काम मानसून के दौरान ही पूरा किया जाएगा ताकि सर्वेक्षण का बेहतर फायदा उठाया जा सके. योजना में ताजेवाला से राजस्थान सीमा तक करीब 253 किलोमीटर लंबी तीन पाइपलाइनें बिछाई जाएंगी, जिनमें भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी. इससे परियोजना तेजी से आगे बढ़ेगी और खर्च भी कम होगा.

राजस्थान को कैसे होगा लाभ? 

शेखावाटी अंचल के तीन जिलों चूरू, सीकर और झुंझुनूं में सबसे पहले यमुना जल की आपूर्ति की जाएगी. ये इलाके आज भी गर्मियों में जल संकट से बुरी तरह जूझते हैं. यमुना जल की उपलब्धता से इन जिलों के लाखों लोगों को नियमित पेयजल मिल सकेगा. परियोजना के दूसरे चरण में चूरू में 35,000 हेक्टेयर और झुंझुनूं में 70,000 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई जल उपलब्ध कराया जाएगा.

तीन दशक से सिर्फ फाइलों में कैद है यमुना जल समझौता

तीन दशक से सिर्फ फाइलों में कैद यमुना जल समझौता अब जमीन पर उतरने को तैयार है. भजनलाल सरकार की सक्रिय पहल से राजस्थान विशेषकर शेखावाटी अंचल को इसका व्यावहारिक लाभ मिलेगा. न केवल लोगों को पीने का पानी मिलेगा, बल्कि खेती और उद्योगों को भी नई ऊर्जा मिलेगी. यह समझौता आने वाले वर्षों में राजस्थान की जल सुरक्षा को मजबूत आधार देने वाला साबित हो सकता है.

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