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This Article is From Dec 20, 2023

दिव्यकृति सिंह ने फिर बढ़ाया राजस्थान का मान, सबसे कम उम्र में Arjuna Award से सम्मानित होने वाली बनीं घुड़सवार

जयपुर की दिव्यकृति सिंह राठौड़ ने एशियाई खेल-2023 में ड्रेसेज टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. दिव्यकृति के पिता ने अपनी बेटी के इस सपने को पूरा करने के लिए अपना तक घर बेचना दिया था. दिव्यकृति को अब अर्जुन अवॉर्ड 9 जनवरी 2024 को भारत की राष्ट्रपति द्वारा दिया जाएगा.

दिव्यकृति सिंह ने फिर बढ़ाया राजस्थान का मान, सबसे कम उम्र में Arjuna Award से सम्मानित होने वाली बनीं घुड़सवार
दिव्यकृति सिंह
जयपुर:

Divyakriti Singh Rathore: देश को घुड़सवारी में 41 साल के लंबे अंतराल के बाद ऐतिहासिक स्वर्ण पदक दिलाने वाली और भारतीय घुड़सवारी ड्रेसाज टीम की सदस्य जयपुर की दिव्यकृति सिंह को इस साल उनके एशियन गेम्स (Asian Games 2023) में शानदार प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. 

इसी के साथ उन्होंने राजस्थान का गौरव बढ़ाया है. दिव्यकीर्ति सिंह ने देश को घुड़सवारी में 41 साल के लंबे अंतराल के बाद ऐतिहासिक स्वर्ण पदक दिलाने वाली भारतीय घुड़सवारी ड्रेसाज टीम की सदस्य रहीं. दिव्यकीर्ति सिंह को यह खेल विरासत में मिला है.

दिव्यकृति अपने स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के दौरान अक्सर यूरोप में (नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, ऑस्ट्रिया) में ट्रेनिंग ले रही थीं. इतना ही नहीं उन्होंने दुनिया में घुड़सवारी की राजधानी माने जाने वाले वेलिंगटन-फ्लोरिडा, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी ट्रेनिंग ली है.

लंबे समय तक राजस्थान पोलो संघ से जुड़े रहे विक्रम सिंह राठौड़ ने अपनी बेटी की इस स्वर्णिम सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि यह पूरे राजस्थान के लिए ऐतिहासिक पल है. इसी के साथ अपनी बेटी की हौसलाअफजाई करते हुए उन्होंने आगे कहा कि इस सपने को पूरा करने के लिए उनके पूरे परिवार ने कड़ी मेहनत की है.


आपको बता दें कि दिव्यकृति सिंह राठौड़ की टीम के चार घुड़सवारी एथलीटों में से एक ने इस प्रतियोगिता के लिए यूरोप में प्रशिक्षण लिया था और वर्तमान में दिव्यकृति अपनी श्रेणी में एशियाई खिलाडियों में शीर्ष स्थान पर हैं. 23 वर्षीय इस अंतरराष्ट्रीय ड्रेसेज राइडर का जन्म जयपुर में हुआ था.

दिव्यकृति ने दिल्ली विश्विद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से (मनोविज्ञान) पढ़ाई की है. मगर इस दौरान दिव्यकृति ने दो साल तक किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया, क्योंकि उनके पास प्रतियोगिता में भाग लिए घोड़ा नहीं था. मगर उनके पिता ने अपनी बेटी के इस सपने को पूरा करने के लिए किसी भी तरह की बाधा को सामने नहीं आने दिया. उनके पिता ने जर्मनी से एक घोड़ा खरीदा जिसके बाद उन्होंने अपनी आगे की ट्रेनिंग पूरी की. जिसकी परिणति यह हुई की भारतीय टीम एशियाई खेलों में ऐतिहासिक प्रदर्शन कर सकी.

हाल ही में युवा मामले और खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2023 की घोषणा की है. आपको बता दें, हर साल खेल की दुनिया में भारत (India) का नाम ऊंचा करने वाले धुरंधर खिलाड़ियों को अलग-अलग अवॉर्ड दिए जाते हैं. इस बार खेल के सबसे बड़े सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए बैडमिंटन की स्टार जोड़ी 'चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी' को चुना गया है. यह पुरस्कार टीम के प्रदर्शन के आधार पर समान उपलब्धियां हासिल करने वाले दोनों खिलाड़ियों को प्रदान किया गया है.

इसके अलावा इस बार पांच कोच को 'रेगुलर कैटेगरी' में जबकि तीन को 'लाइफ टाइम' में खेलों में उत्कृष्ट प्रशिक्षकों के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार दिया जाएगा. वहीं खेलों में ध्यानचंद पुरस्कार लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए तीन लोगों को चुना गया है. जबकि तीन लोगों को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (MAKA) सम्मान दिया जाएगा.

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