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नई शिक्षा नीति के विरोध में राजस्थान के शिक्षकों ने भरी हुंकार, OPS से छेड़छाड़ पर सरकार को चेतावनी

Rajasthan Teachers Association: नई शिक्षा नीति, शिक्षकों के तबादले, पुरानी पेंशन नीति सहित कई मुद्दों पर शुक्रवार को राजस्थान के शिक्षकों ने प्रदेशस्तरीय सम्मेलन में चर्चा की है. इसमें शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने ओपीएस के साथ छेड़छाड़ की तो उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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नई शिक्षा नीति के विरोध में राजस्थान के शिक्षकों ने भरी हुंकार, OPS से छेड़छाड़ पर सरकार को चेतावनी
शिक्षक संघ के प्रांतीय सम्मेलन में शामिल होने पूरे प्रदेश से पहुंचे शिक्षक.

Rajasthan Teachers Association: राजस्थान के शिक्षकों ने नई शिक्षा नीति के खिलाफ आवाज बुलंद की है. शुक्रवार को राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत का 60वां प्रदेशस्तरीय सम्मेलन सीकर जिला मुख्यालय स्थित नानी चौराहे के पास एक मैरिज गार्डन में आयोजित किया गया. जिसमें राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत से जुड़े प्रदेश भर के हजारों शिक्षकों ने भाग लिया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने नई शिक्षा नीति के विरोध में हुंकार भरी. शिक्षकों ने कहा नई शिक्षा नीति शिक्षकों और अभिभावकों के लिए घातक सिद्ध होगी इसलिए समय रहते शिक्षकों को इसका विरोध करना चाहिए. वक्ताओं ने संबोधित करते हुए शिक्षा का निजीकरण का विरोध भी जताया इसके साथ ही ठेका प्रथा का विरोध करते हुए कहा कि अब तक जो संविदा कर्मी है उनका स्थाई किया जाए. 

सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार ने जो पुरानी पेंशन योजना का तोहफा दिया था उससे भी वर्तमान भाजपा सरकार लागू करें क्योंकि इसको लेकर शिक्षकों में अभी भी संशय बना हुआ है. शिक्षक संघ शेखावत के पदाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की नई भर्ती शुरू करने, शिक्षकों की पदोन्नति, वेतन विसंगतियां दूर करने, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण करने सहित लंबित मुद्दों का भी जल्द निस्तारण करें.

राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश अध्यक्ष महावीर सियाग ने कहा कि आज सम्मेलन में शैक्षिक मुद्दों पर विस्तृत से चर्चा की गई है. मुख्य रूप से नई शिक्षा नीति को लेकर चर्चा हुई है. जिसमें नई शिक्षा नीति से क्या परिणाम और दुष्परिणाम होंगे इसका विश्लेषण किया है. जिसका निष्कर्ष निकला है की नई शिक्षा नीति ना तो विद्यार्थियों के हित में है ना शिक्षकों के हित में और ना ही आमजन के हित में है। इसलिए सम्मेलन में तय किया गया है की नई शिक्षा नीति का हम विरोध करेंगे.

शिक्षक संघ के प्रांतीय सम्मेलन को संबोधित करते वक्ता.

शिक्षक संघ के प्रांतीय सम्मेलन को संबोधित करते वक्ता.

महावीर सियाग ने आगे कहा कि शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर भी चर्चा की गई है. पिछली सरकार ने भी थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं किए थे और इस सरकार से भी हमें उम्मीद कम ही लग रही है. इसलिए राज्य सरकार से मांग है कि थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर किया जाए वरना शिक्षकों के बहुत बड़े विरोध का सामना सरकार को करना पड़ेगा. देश में पुरानी पेंशन योजना का बहुत बड़ा मुद्दा है लेकिन राजस्थान में पिछले सरकार ने इसे लागू कर दिया था लेकिन नई सरकार ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है इसलिए शिक्षकों में संशय बना हुआ है.

प्रदेश अध्यक्ष महावीर सियाग ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार पुरानी पेंशन योजना से छेड़छाड़ करने का प्रयास करेगी तो शिक्षक चुप नहीं बैठेगा और सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ेगा। शिक्षा के निजीकरण का विरोध करते हुए कहा कि पूर्व में जो संविदाकर्मी लगे हैं उन्हें स्थाई किए जाएं और आगे से संविदा पर शिक्षकों की भर्ती बंद की जाए। विद्यालयों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों पर जल्द भर्ती शुरू की जाए.

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