
Daughters performed last rites: राजसमंद में बेटियों ने मां की अर्थी को कंधा दिया. शव को मुखाग्नि देकर बेटियों ने अंतिम संस्कार किया. रेलमगरा क्षेत्र के गांव कोटडी में कल (30 जून) देर शाम को अचानक जुम्मा सोनी की तबीयत बिगड़ने से देहांत हो गया. देहावसान पर 4 बेटियों ने अपनी मां को ना सिर्फ कंधा दिया, बल्कि मां को मुखाग्नि दी. चारों बेटियों ने सामाजिक रुढ़िवादी नियम तोड़कर मिसाल पेश की है. अब चर्चा इस बात की हो रही है कि समाज में धीरे-धीरे ही सही, लेकिन बेटे और बेटियों में फर्क मिट रहा है. वहीं, इस फर्क को मिटाने में बेटियां बढ़-चढ़ कर सहयोग कर रही हैं.
पिता के बाद अब मां का भी साया भी नहीं रहा
रविवार को राजसमंद जिले के इस गांव में जिसने भी इस दृश्य को देखा, वो भावुक हो गया. चारों बेटियां मधु, सोनू, टीना और बंटी ने मां की अर्थी को कंधा दिया. सिर से मां का साया उठने के बाद रोती-बिलखती बेटियों ने अंतिम संस्कार किया. इस दौरान परिवार के अन्य सदस्य भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए. उनके पिता का पहले ही देहांद हो गया था. इसके बाद से वह अपनी मां के साथ ननिहाल में रह रही थी.

बेटियों के नहीं रूक रहे आंसू
मां की अर्थी को कंधा देने के दौरान बेटियों और भाईयो के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. इस दौरान परिवार के लोगों ने चारों को संभाला. अंतिम संस्कार में आए लोगों ने चारों बहनों की सराहना की. बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के मुक्तिधाम तक जाने पर सख्त पाबंदी है. पौराणिक परंपराओं के चलते पुत्र द्वारा मुखाग्नि देने पर ही स्वर्ग प्राप्ति होती है, यही मान्यता प्रचलित भी है. लेकिन बेटियों ने इस सोच से आगे बढ़ते हुए मां के शव का अंतिम संस्कार किया.
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