
Ramadan 2025 ka pehla Roja Kab hai: मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान (Ramzan 2025) का पवित्र महीना मार्च से शुरू होने जा रहा है. ऐसे में समुदाय के सभी मुस्लिम भाइयों ने बड़े उत्साह के साथ रमजान महीने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. लेकिन इस्लाम के पवित्र महीने रमजान का चांद शुक्रवार को राजस्थान समेत देश के किसी भी हिस्से में नहीं दिखा. ऐसे में लोग पहला रोजा रखने को लेकर काफी संशय में पड़ गए हैं. लेकिन शाही इमामों के जरिए यह तय किया गया है कि बादल छाए रहने के कारण देश के किसी भी हिस्से में चांद नजर नहीं आया, जिसके चलते पहला रोजा 2 मार्च यानी रविवार को होगा.
जुम्मे पर नहीं दिखा रमजान का चांद
चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद और जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने भाषा को बताया कि चांद देखने के लिए राजस्थान, गुजरात, बिहार, दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत कई जगहों पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कहीं से भी पुष्टि नहीं हुई. आमतौर पर गुजरात के कच्छ इलाके में चांद देखा जाता है, लेकिन वहां से भी रमजान का चांद दिखने की खबर नहीं आई. जिसके चलते तय हुआ कि पहला रोजा दो मार्च यानी रविवार को होगा.
रविवार को पहले रोजे का समय
रमज़ान की समयसारणी के मुताबिक, राजस्थान में रविवार को पहले रोज़े की सेहरी (सूरज निकलने से पहले खाना-पीना) का वक्त सुबह 5.32 बजे होगी तथा इफ्तार (रोजा खोलना) का वक्त 6 बजकर 29 मिनट पर है.
चांद दिखने पर शुरू होता है रमजान का मुकद्दस महीना
आपको बता दें कि इस्लाम में एक महीना 29 या 30 दिनों का होता है और एक महीने में दिनों की संख्या चांद दिखने पर निर्भर करती है. शनिवार को इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने 'शाबान' का 30वां दिन है. रमजान का चांद दिखने के अगले दिन से पवित्र महीना शुरू हो जाता है और अगले 30 दिनों तक मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं और अपना ज्यादातर समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं. इस दौरान शाम को मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की जाती है जिसे 'तरहवी' कहा जाता है. इस नमाज में पूरे कुरान की आयतें पढ़ी जाती हैं. जिसके बाद वह इफ्तारी कर अपना रोजा खोलते है.
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