
Forest department accused of releasing poachers: सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघिन के हमलों के बीच अधिकारियों की लापरवाही भी बदस्तूर जारी है. टाइगर रिजर्व की बालेर रेंज में 4 शिकारियों को ग्रामीणों ने दबोचा लिया, लेकिन 2 शिकारी मौके से फरार हो गए. हैरानी की बात यह है कि पकड़ में दोनों शिकारियों को वन अधिकारियों ने बिना कोई कार्रवाई किए ही छोड़ा दिया. जानकारी के मुताबिक, बाजौली बिट-75 के समीप कालाभाटा बनास नदी के पास टाइगर रिजर्व क्षेत्र में चारों शिकार बनास नदी में मछलियों सहित वन्यजीवों का शिकार करने पहुंचे थे. लेकिन भनक लगते ही ग्रामीणों ने शिकारियों को दबोच लिया. ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी. सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची.
ग्रामीण को चकमा देकर मौके से भागे शिकारी
टीम के पहुंचने से पहले दो शिकारी ग्रामीणों को चकमा देकर मौके से फरार हो गए. वन विभाग की टीम दोनों शिकारियों सहित मौके से एक बाइक जब्त कर बालेर रेंज में ले गई. इस दौरान दोनों से पूछताछ की गई. क्षेत्रीय वन अधिकारी नरेश कुमार गोदरा ने बताया कि दोनों शिकारियों के पास कुछ भी नहीं मिला. साथ ही मामला घड़ियाल क्षेत्र का बताकर बिना कार्यवाही के ही कुछ देर बाद में छोड़ दिया गया.
ग्रामीण बोले- शिकार के उपकरण लेकर आए थे शिकारी
ग्रामीणों ने कहा, "बिना कार्रवाई की बात से साफ जाहिर हो गया कि शिकारियों की ओर वन विभाग के अधिकारियों के बीच गठजोड़ नजर आ रहा है. शिकारियों के साथ में जलीय व वन्यजीव शिकार में प्रयोग होने वाले उपकरण मिले थे."
वीडियो बनाकर ग्रामीणों ने विभाग को भी सौंपा
ग्रामीणों ने शिकारियों के वीडियो बनाकर मीडिया को उपलब्ध कराए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के कार्मिक शिकारियों से मिलीभगत रखते हैं, जिसके चलते शिकारियों पर कार्यवाही करने की बजाए उन्हें छोड़ दिया गया. ग्रामीणों द्वारा बनाए गए वीडियो में दोनों शिकारी साफ शब्दों में वन विभाग की मिलीभगत कबूल कर रहे हैं.
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