Lok Sabha Election 2024: राजस्थान की सबसे बड़ी संसदीय सीट बाड़मेर-जैसलमेर सीट शिव विधायक रविंद्र भाटी के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद हॉट सीट में तब्दील हो चुकी है. भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी और कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल के बीच होने वाली सीधी लड़ाई रविंद्र भाटी के आने से त्रिकोणीय हो गई है.
चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद से रविंद्र भाटी लगातार क्षेत्र के दौरे पर है.भाटी की जन आशीर्वाद यात्रा में सुबह से लेकर देर रात तक अलग–अलग स्थानों पर भारी जन समर्थन मिलता देख राजनीतिक जानकारों की भी बत्ती गुल होती दिख रही है. रविंद्र भाटी का मिल रहा समर्थन किसी एक खास वर्ग तक सीमित नहीं है.
देर रात 12 बजे तक स्वागत के लिए खड़ी रही हजारों की भीड़
रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार रात व शनिवार शाम बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र में रविंद्र भाटी के पक्ष में बना माहौल देखने लायक था..गुरुवार देर रात 12 बजे जब रविंद्र भाटी का कारवां पूर्व केंद्रीय वित्त एवं रक्षा मंत्री स्व. जसवंत सिंह जसोल के पैतृक गांव पहुंचा, तो हजारों की संख्या में भीड़ उनका स्वागत करने वहां उनका इंतजार कर रही थी.
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में भी रविंद्र के समर्थन का वीडियो वायरल
गुरुवार देर रात 1 बजे यात्रा के अंतिम पड़ाव मेवानगर पहुंचने पर भी जनता का हजारों की संख्या में भाटी के स्वागत के लिए जमावड़ा देखने को मिला.वही बाड़मेर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में भी रविंद्र सिंह के समर्थन के वीडियो भी जमकर वायरल हो रहे है. यह वीडियो बाड़मेर के देरासर गांव का बताया जा रहा है.
भाषण से रविंद्र भाटी ने जीत की समीकरण का इशारा किया
बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट की जातीय आंकड़े की बात करें तो इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 21,60,000 के करीब है,जिसमें जाट मतदाताओं की संख्या 4.5 लाख है, वहीं राजपूत समाज के 3 लाख मतदाता है. वहीं, मुस्लिम समाज के भी 2.70 लाख के करीब मतदाता है. जबकि SC व ST को मिलाकर 4 लाख करीब वोट है. तो वहीं मूल ओबीसी की लगभग 23 जातियों के मिलाकर 6.5 लाख वोट है.वही ब्राह्मण मतदाता 80 हजार व 1 लाख अन्य मतदाता है.
भाजपा व कांग्रेस दोनों ने ही जाट उम्मीदवार को मैदान में उतारा है
भाजपा और कांग्रेस द्वारा जाट उम्मीदवार उतारने से बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट की राजपूत लॉबी नाराज चल रही है. चूंकि रविंद्र सिंह भाटी राजपूत समाज से आते है, इसका सीधा फायदा उन्हे मिलेगा और उनकी गणित 3 लाख से शुरु होगी.वहीं, दो मुख्य पार्टियों के उम्मीदवार जाट समाज से है, ऐसे में जाट मतों का धुर्वीकरण हो सकता है .
इस सीट पर सबसे अधिक वोट मूल ओबीसी की 23 जातियों के है
बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय सीट पर सबसे अधिक वोट मूल ओबीसी की 23 जातियों के है, जो कि 6.5 लाख के करीब है,जो कुल मतदाताओ के लगभग 28 - 29 प्रतिशत है..इसमे से एक बड़ा धड़ा रविंद्र भाटी के पक्ष में जा सकता है, क्योकि शिव विधानसभा चुनाव में भी मूल ओबीसी व राजपूत वोटो के आधार पर ही रविंद्र चुनाव जीते थे.
रविंद्र भाटी की ओर बढ़ रहा है मुस्लिम मतदाताओं का रुझान
इस चुनाव मुस्लिम मतदाताओं का भी रुझान रविंद्र की तरफ रह सकता है. कांग्रेस से नाराज मुस्लिम मतदाताओं को रविंद्र के रूप में एक ऑप्शन मिला है, जिसे वो वोट कर सकते है.नाराजगी का बड़ा कारण लोकसभा चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट नहीं देना माना जा रहा है. इसका जिक्र पूर्व मंत्री अमीन खान भी कर चुके है.
इसलिए मुस्लिम मतदाता कर सकते हैं रविंद्र भाटी को समर्थन
रविंद्र के जीतने से शिव विधानसभा सीट खाली हो जाएगी और वंहा उप चुनाव होंगे, जहां मुस्लिम समुदाय का कोई व्यक्ति विधायक बन सकता है.पिछले विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम समुदाय के ज्यादा प्रत्याशी होने के कारण उन्हें सीट गवानी पड़ी थी, लेकिन अब वो एकजुट होकर पहले रविंद्र को वोट करेंगे, जिसके बाद उनका भी स्वार्थ सिद्ध हो जाएगा.
महिलाओं और युवा वर्ग में रविंद्र भाटी का है जबर्दस्त क्रेज
बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र की आधी आबादी में महिलाए हो या फिर युवा वर्ग, दोनों में रविंद्र का काफी क्रेज है,अगर यह क्रेज वोट में परिवर्तित होता है तो रविद्र की जीत सुनिश्चित हो सकती है. इअब देखने की बात तो यह होगी कि रविंद्र के जीत के कयास सफल होते है.
फलोदी के सट्टा बाजार ने रविंद्र की जीत की भविष्यवाणी की
तमाम समीकरण एक तरफ, रविंद्र की जीत की भविष्यवाणी फलौदी सट्टा बाजार ने भी कर दी है. अब देखना है कि कांग्रेस प्रत्याशी को जाट समाज के वोटों के साथ मुस्लिम और मेघवाल गठबंधन बनाकर जीत दिलाते है या फिर मोदी की लहर के आगे सब गौण हो जाएंगे. यह समय के गर्भ में है. फिलहाल, समीकरण और सट्टा बाजार रविंद्र के पक्ष में है.
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