ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर चुने गए हैं. वो राजस्थान की कोटा-बूंदी सीट से सांसद हैं जहाँ से उन्होंने लगातार तीसरी बार चुनाव जीता. मगर ओम बिरला से पहले भी राजस्थान के एक सांसद ने लोकसभा स्पीकर की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी निभाई थी. और ओम बिरला की ही तरह वो भी लगातार दो बार स्पीकर रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर चुने जाने पर बधाई देते हुए बलराम जाखड़ का भी ज़िक्र किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,"बलराम जाखड़ जी पहले ऐसे अध्यक्ष थे जिन्होंने 5 साल कार्यकाल पूरा किया था. उन्हें फिर दोबारा स्पीकर बनने का अवसर मिला था. उनके बाद आप हैं (ओम बिरला) जिन्हें 5 साल पूर्ण करने के बाद दोबारा इस पद पर आसीन होने का मौका मिला है."
Taking over the charge of Speaker in the #LokSabha for the second time is a record in itself. Balram Jakhar was the first speaker to hold this record: PM @narendramodi#18thloksabha pic.twitter.com/up0sFxw6AK
— DD News (@DDNewslive) June 26, 2024
राजस्थान से पहली बार लोकसभा स्पीकर बनने वाले बलराम जाखड़ के बारे में 10 बातें.
1 - लगातार दो बार लोकसभा अध्यक्ष रहे, अटूट रिकॉर्ड
बलराम जाखड़ दो बार लोकसभा के स्पीकर रहे. पहली बार वो सातवीं लोकसभा में 1980 में स्पीकर चुने गए. इसके बाद 1985 में आठवीं लोकसभा में भी वो लगातार दूसरी बार स्पीकर रहे.
बलराम जाखड़ स्वतंत्र भारत में लोकसभा के ऐसे पहले अध्यक्ष थे जो लगातार दो बार इस पद पर रहे, और दोनों ही बार पूरे कार्यकाल तक अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी निभाई. वो 22 जनवरी 1980 से 18 दिसंबर 1989 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे.
2 - पंजाब से शुरू की राजनीति
बलराम जाखड़ पंजाब का जन्म फ़िरोज़पुर में 23 अगस्त 1923 को हुआ था. उन्होंने राजनीति की शुरुआत पंजाब से की और 1972 में पहली बार कांग्रेस पार्टी के विधायक बने और फिर मंत्री बनाए गए. वर्ष 1977 में वो दोबारा एमएलए बने, और 1977 से 1979 तक पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे.
बलराम जाखड़
एकमात्र लोकसभा स्पीकर जो लगातार दो बार इस पद पर रहे, और दोनों ही बार कार्यकाल पूरा किया
22 जनवरी 1980 से 18 दिसंबर 1989 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे
3 - पंजाब से पहली बार बने सांसद
पंजाब में सियासत शुरू करने के बाद बलराम जाखड़ ने वर्ष 1980 में केंद्रीय राजनीति में पैर रखा. उन्होंने अपने गृह ज़िले फ़िरोज़पुर की लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और सातवीं लोकसभा में सांसद बने. इसके बाद उन्हें स्पीकर चुना गया.
4 - राजस्थान से बलराम जाखड़ का नाता, सीकर से बने सांसद
वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में बलराम जाखड़ ने राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और लगातार दूसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए और लगातार दूसरी बार उन्हें स्पीकर चुना गया.
5 - सीकर सीट पर जब देवीलाल ने हराया
बलराम जाखड़ ने वर्ष 1989 में राजस्थान की सीकर सीट से फिर चुनाव लड़ा. मगर बोफ़ोर्स घोटाले की वजह से इस चुनाव में कांग्रेस को भारी जनविरोध झेलना पड़ रहा था. इस चुनाव में जनता दल के दिग्गज नेता चौधरी देवीलाल ने कड़े मुक़ाबले में बलराम जाखड़ को लगभग 45 हज़ार वोटों से हरा दिया
6 सीकर सीट से फिर जीता चुनाव, बने केंद्रीय मंत्री
बलराम जाखड़ वर्ष 1991 में सीकर सीट से तीसरी बार सांसद बने.
वो वर्ष 1991 से 1996 तक प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री रहे.
7 1996 में नहीं लड़ा चुनाव
1996 में 11वीं लोकसभा के लिए चुनाव में बलराम जाखड़ ने चुनाव नहीं लड़ने का फ़ैसला किया. हालाँकि वो पार्टी की राजनीति में सक्रिय रहे.
8 चौथी और आखिरी बार बीकानेर से बने सांसद
11वीं लोकसभा का कार्यकाल छोटा होने की वजह से वर्ष 1998 में फिर चुनाव हुए. इस बार बलराम जाखड़ ने सीकर सीट छोड़ दी और बीकानेर से चुनाव लड़ा और आख़िरी बार सांसद बने.
9 1999 में फिर लड़े सीकर से, दोबारा हारे
बलराम जाखड़ ने वर्ष 1999 में एक बार फिर सीकर सीट से चुनाव लड़ा. मगर इस बार उन्हें भारतीय जनता पार्टी के सुभाष महरिया ने हरा दिया. मुक़ाबला कड़ा रहा मगर जाखड़ लगभग 28 हज़ार मतों से हार गए. ये बलराम जाखड़ का आख़िरी चुनाव था.
10 मध्य प्रदेश के गवर्नर रहे
चुनावी राजनीति के बाद बलराम जाखड़ वर्ष 2004 से 2009 तक मध्य प्रदेश के गवर्नर रहे.
ये भी पढ़ें-