
Bundi News: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा प्रक्रिया में बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिससे एक छात्र का भविष्य दांव पर लग गया है.बूंदी जिले के एक सरकारी स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र दिनेश मेघवाल को संस्कृत विषय की परीक्षा में बैठने के बावजूद अनुपस्थित दिखा दिया गया, जिसके कारण उसे पूरक घोषित कर दिया गया.
अनुपस्थित बताने वाला छात्र पास हुआ फर्स्ट डिवीजन
परिवार ने जब रिजल्ट पर आपत्ति जताई तो छात्र की उत्तर पुस्तिका की दोबारा जांच की गई. जिसमें सच्चाई सामने आ गई.छात्र न केवल परीक्षा में बैठा था बल्कि उसने 66 अंक भी हासिल किए थे, जिससे वह पूरे अंकों के साथ प्रथम श्रेणी से पास हो गया.
परीक्षक को दी चेतावनी
यह मामला शिक्षा तंत्र में कार्यरत लापरवाह मूल्यांकनकर्ताओं की बड़ी गलती को उजागर करता है. बोर्ड ने मामले को गंभीर मानते हुए संबंधित परीक्षक को चेतावनी जारी की है.
छात्र और परिवार को मिला न्याय
छात्र और उसके परिवार ने इस फैसले पर संतोष जताया और कहा कि अब उन्हें न्याय मिल गया है. शिक्षा विभाग ने आश्वासन दिया है कि इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो, इसके लिए सख्त निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी.
क्या था मामला
बता दें कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्ष देने वाले छात्र दिनेश मेघवाल को संस्कृत ) विषय में बोर्ड की तरफ से अनुपस्थित घोषित कर दिया गया,बल्कि उसने सभी विषयों की परीक्षा दी थी. जिसमें रिजल्ट आने पर उसकी मार्कशीट में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, सोशल साइंस और गणित में अच्छे अंक आए. और संस्कृत में उसे अनुपस्थित दर्ज कर दिया. जिसका उसके माता पिता ने विरोध दर्ज कराया . जिसके बाद मात पिता की तरफ से जांच की मांग पर आरबीएसई सचिव कैलाश चंद शर्मा ने स्तूल की प्रिंसिपल को लेटर भेजा. जिसके बाद उसकी रिचेकिंग हुई. जिसमें वह प्रथम डिवीजन से पास हुआ.
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