![किसानों को राहत! विधानसभा में पास हुआ गहलोत सरकार का ऋण राहत बिल, नीलाम नहीं होगी जमीन किसानों को राहत! विधानसभा में पास हुआ गहलोत सरकार का ऋण राहत बिल, नीलाम नहीं होगी जमीन](https://c.ndtvimg.com/2023-08/lj1sicag_ashok-gehlot_625x300_02_August_23.jpg?downsize=773:435)
राजस्थान सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण बिल विधानसभा में पास किया है. इस बिल में लाखों किसानों की फसल खराब होने पर बैंको के द्वारा कृषि ऋण नहीं चुकाने पर जमीन नीलाम नहीं होगी. इस बिल में कर्ज माफी, री-शेड्यूल और ब्याज कम के लिए नियम और कानून शामिल हैं.
राजस्थान विधानसभा में आज किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण बिल पास किया गया है. किसान ऋण राहत विधेयक (Farmers Debt Relief Commission Bill) को विधानसभा में पारित किया है. इस बिल के पास होने के बाद लघु और मध्यम वर्ग के किसानों की जमीन की नीलामी पर रोक लगेगी. क्या है किसान ऋण राहत विधेयक किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान किसी भी कारण से फसल खराब होने की स्थिति में ऋण वसूली के लिए किसान पर दबाव नहीं बना सकती है. फसल खराब होने की स्थिति में किसान कर्ज माफी की मांग करते हुए इस आयोग में आवेदन कर सकेंगे. ऋण राहत आयोग किसानों का ऋण माफ करने या फिर उनकी सहायता करने का निर्णय लेती है. किसान ऋण राहत विधेयक को लेकर बीजेपी उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इस समय बिल का लाना कोई प्रासंगिकता नहीं कोई रेलीवेंस नहीं है. यह बिल यदि 2018–19 में लाते किसानों के कर्जे माफ करते और व्हाइट पेपर जारी करते की हमने किसानों के ये कर्जे माफ कर दिए हैं. इसको मक्कड़ जाल बना दिया है. कभी केन्द्र पर आरोपित करते है कभी नेशनलाइज की बात करते हैं। इस बिल के को प्रावधान है उसमे बहुत से विरोधाभास है. " वहीं इस बिल को लेकर के कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि "किसानों के हित का बिल है. बिल बन चुका है और पास हो चुका है अब राज्यपाल के पास जाएगा." गौरतलब हो कि अशोक गहलोत सरकार ने 21 लाख किसानों का 15000 करोड़ रुपए का किसानों का ऋण माफ किया था जो कि कॉपरेटिव बैक से लिए गए थे. लेकिन जो नेशनलाइज बैंक है उनसे लिया गया कर्ज राज्य सरकार माफ करने में सफल नहीं हो पायी थी। जिसके बाद किसान ऋण राहत विधेयक बिल लाई है.