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This Article is From Dec 30, 2023

RPSC ने रोकी इन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग, दस्तावेजों के सत्यापन के बाद भी नहीं मिली नियुक्ति 

RPSC ने जालोर, सांचौर और बाड़मेर ज़िले के 48 अभ्यर्थियों की काउंसिल रोकी. टॉप 100 रैंक में शुमार इन अभ्यर्थियों के लिये बड़ी समस्या हो गई है. RPSC को नकल का संदेह है, जिसके चलते 48 में से 20 अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी पाने के लिए पात्र होने के बावजूद संदेह के घेरे में रखा जा रहा है. 

RPSC ने रोकी इन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग, दस्तावेजों के सत्यापन के बाद भी नहीं मिली नियुक्ति 
अधिकारी से अपनी समस्या बताते अभ्यर्थी.

Rajasthan News: RPSC द्वारा आयोजित माध्यमिक शिक्षा विभाग में स्कूल व्याख्याता हिंदी विषय के लिए टॉप 100 रैंक के भीतर चयनित होने वाले 3 जिलों के 48 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग RPSC ने रोक दी है. चयनित अभ्यर्थियों का आरोप है की बोर्ड उन्हें बेवजह परेशान कर रहा है. एकबार सभी के दस्तावेजों की जांच के सत्यापन होने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी जा रही है. राजस्थान के सांचौर, जालौर और बाड़मेर जिले के 48 अभ्यर्थियों के लिए RPSC अब बाधा बन चुकी है. इन 48 अभ्यर्थियों का चयन होने के बाद नियुक्ति को लेकर अनुशंसा तक नहीं की हैं. 

राजस्थान के 1458 में से बाकी सभी की अनुशंसा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को कर दी, जबकि इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति रोकते हुए उन्हें मोबाइल नंबर पर RPSC की ओर से मैसेज आ रहे हैं. इन मैसेज में दोबारा जांच के लिए अलग अलग समय दिया जा रहा है, जबकि चयनित अभ्यर्थियों ने गुरुवार को RPSC अजमेर के आगे प्रदर्शन किया. इनका आरोप है कि जब एक बार जांच होने के बाद अब जालौर बाड़मेर में सांचौर के अभ्यर्थियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है. 

हिंदी व्याख्याता भर्ती परीक्षा 15 अक्टूबर 2022 को हूई थी. इस साल 14 जून को इसका परिणाम आया उसके बाद अगस्त महीने में दस्तावेज़ सत्यापन किया गया. 31 अक्टूबर को अंतिम परिणाम के बाद 28 दिसंबर को निदेशालय ने 2-5 जनवरी तक की काउंसलिंग के लिए बुलाया था.

व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलवाया गया आयोग

अभ्यार्थियों का आरोप है कि आयोग ने 1458 में से 48 अभ्यार्थियों को छोड़कर शेष 1410 की नियुक्ति अनुशंसा शिक्षा निदेशालय बीकानेर को काउंसिलिंग के लिए भेज दी है. निदेशालय ने 1410 अभ्यार्थियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इधर, उन 48 अभ्यार्थियों के पास आयोग का मैसेज पहुंचा कि उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आयोग पहुंचना है.

इन अभ्यर्थियों बुलाया गया जांच के लिए 

RPSC बोर्ड ने इन पर नकल का संदेह जता कर कुछ अभ्यर्थियों को दोबारा जांच के लिए बुलाया है, जबकि व्याख्याता में चयन होने वाले इन अभ्यर्थियों का कहना है कि इनमें 20 लोग पहले से सरकारी नौकरी कर रहे हैं. इनमें से 32 वीं रैंक से चयनित पारसमल शिक्षक तृतीय श्रेणी, 55 वीं रैंक से चयनित शंकराराम सेकंड ग्रेड शिक्षक, 68 वीं रैंक से चयनित शैतान विश्नोई, तृतीय श्रेणी शिक्षक, 14 वीं रैंक से चयनित डूगरदान वरिष्ठ अध्यापक हिंदी, 71  रैंक से चयनित ओमप्रकाश तृतीय श्रेणी शिक्षक, 19 वीं रैंक से चयनित दुर्गाराम छात्रावास अधीक्षक, 49 वीं रैंक से चयनित आवड़दान  तृतीय श्रेणी शिक्षक, 97 वीं रैंक से चयनित शारदा कांस्टेबल, दिनेश कुमार वन रक्षक, 83 रैंक से चयनित नरपत राजपुरोहित पुलिस के पद पर कार्यरत हैं. बावजूद उसके RPC की ओर से उनकी नियुक्ति की अनुशंसा नहीं करने के चलते इन तीन ज़िलों के अभ्यर्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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