Rajasthan Politics: नेता प्रतिपक्ष बने टीकाराम जूली को सचिन पायलट ने दी बधाई, यूजर बोले- आपके सब्र की दाद देनी पड़ेगी साहब

Sachin Pilot on Tika Ram Jully: राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए टीकाराम जूली को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने बधाई दी है. लेकिन उनके बधाई संदेश पर कई लोगों ने ऐसे तीखे तंज भरे कमेंट किए. जिसमें पायलट को कांग्रेस की कमान मिलने में हो रही देरी पर सवाल उठाए गए.

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राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष बनाए गए टीकाराम जूली और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट.

Sachin Pilot on Tika Ram Jully: कांग्रेस ने मंगलवार को राजस्थान में नेता प्रपितक्ष की घोषणा कर दी. पार्टी ने अलवर ग्रामीण विधायक टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया है. टीकाराम जूली तीन बार के विधायक और गहलोत सरकार के मंत्री रहे हैं. वो गहलोत खेमे के माने जाते हैं. टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की आधिकारिक घोषणा के बाद कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी टीकाराम जूली को बधाई दी है. लेकिन पायलट के बधाई संदेश पर लोगों ने कमेंट करते हुए तीखे तंज भी कसे. 

पायलट ने दी बधाई, लिखा- मुझे विश्वास कि आप मुद्दों को पूरजोर तरीके से उठाएंगे

टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद सचिन पायलट ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, " अलवर ग्रामीण विधायक एवं पूर्व मंत्री टीकाराम जूली को कांग्रेस विधायक दल का नेता मनोनीत किए जाने पर हार्दिक बधाई एवं इस नवीन जिम्मेदारी के लिए मेरी शुभकामनाएं. मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सदैव मुखर होकर राजस्थान की जनता के हित से जुड़े मुद्दों को पुरजोर तरीके से सदन के पटल पर रखेंगे.

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पायलट के बधाई पर लोगों ने कसे तंज

टीकाराम जूली को बधाई देने वाले सचिन पायलट के संदेश पर रिप्लाई करते हुए लोगों ने तीखे तंज किए. Adv Vipin Nagar नामक एक यूजर ने लिखा आखिर कब तक़ आप ही त्याग करते रहोंगे पायलट साहब. जिस जनता की आप आँखों के सितारे हो उस जनता का बड़ा दिल दुखता है. ज़ब आपको हर बार त्याग करना पड़ता है हम नहीं चाहते कि जो आज जिम्मेदारी अन्य लोगों को मिली वो आपको मिलनी चाहिए थी. लेकिन बहुत लम्बा समय हो गया अगर त्याग करने की किसी की बारी आती है तो बस हर बार आपको ही त्याग करना पड़ता है.

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एक यूजर ने लिखा धैर्य की अपनी सीमाएं हैं. अगर जायदा हो जाए तो कायरता कहलाता है. और हम सब आपको चाहने वाले आपको कायर नहीं मान सकते. आपको अपने चाहने वालो को भी तो सिला देना पड़ेगा ना क्योंकि आप जितना सब्र हम कैसे रखे.

एक यूजर ने लिखा कि तुम्हारे सब्र की भी दाद देनी पड़ेगी पायलट साहब.

एक अन्य यूजर ने लिखा निश्चित ही आपके मनोनयन से पूर्वी राजस्थान एवं अलवर जिला गौरवान्वित  महसूस कर रहा है. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब नेता पक्ष एवं विपक्ष की भूमिका विधानसभा में पूर्वी राजस्थान के दो लाल करेंगे. शायद पूर्वी राजस्थान का अब भला हो. बधाई हो..... 

एक दिन पहले ही वायरल हुआ था #10करोड़_नेताप्रतिपक्ष_

इसके अलावा कई लोगों ने टीकाराम जूली को बधाई दी है. वहीं कई लोगों ने टीकाराम जूली के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए 10 करोड़ रुपए और दिल्ली से आई पर्ची की बात भी की है. मालूम हो कि टीकाराम जूली के नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की आधिकारिक घोषणा से एक दिन पहले सोशल मीडिया #10करोड़_नेताप्रतिपक्ष_अलवर  हैशटैग के साथ कई ट्वीट किए गए थे. जिसमें दावा किया गया था कि टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा रहा है. 

चुनावी हार के बाद भी गहलोत खेमा हावी

टीकाराम जूली गहलोत खेमे के माने जाते हैं. उनके अलावा फिर से पीसीसी अध्यक्ष बनाए गए गोविंद सिंह डोटासरा भी गहलोत खेमे के माने जाते हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद राजस्थान कांग्रेस में गहलोत खेमा हावी नजर आ रहा है. पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाकर उन्हें राजस्थान से दूर किया जा चुका है. ऐसे में पायलट समर्थकों में निराशा है. 

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