संत नानक दास नागौर के बड़ी खाटू में सतगुरु कबीर आश्रम सेवा संस्थान नाम से आश्रम चलाता है. आरोप है कि संत ने दिल्ली के बिजनेसमैन नरेंद्र सिंह पुत्र वेद प्रकाश को राज्यसभा सांसद बनवाने का झांसा दिया. दिल्ली पुलिस ने संत नानक दास के साथ एक और व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. संत केंद्र सरकार की टी बोर्ड कमेटी में मेंबर भी रह चुका है.
सांसद बनवाने के लिए 5 करोड़ रुपए मांगे
नरेंद्र सिंह ने संत नानक दास के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया. दर्ज रिपोर्ट के अनुसार वह 2023 में संत नानक दास से मिला. नानक दास ने उसे बिहार के नवीन सिंह से मिलाया. नानक दास ने पीड़ित को बताया कि नवीन सिंह भारत के राष्ट्रपति का पोटोकॉल अधिकारी है.नवीन सिंह और संत नानक दास ने नरेंद्र सिंह को राष्ट्रपति कोटे से राज्यसभा सदस्य बनवाने का झांसा दिया. 5 करोड़ रुपए मांगा. नरेंद्र सिंह 2 करोड़ रुपए दे भी दिया.
2 करोड़ रुपए देने के बाद भी नॉमिनेशन लिस्ट में नहीं आया नाम
नरेंद्र सिंह के अनुसार संत नानक दास और नवीन सिंह की बातों आकर 25 लाख रुपए दे दिया. रुपए नवीन सिंह के ICICI बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए. इसके अलावा नानक दास को 75 लाख रुपए कैश दिए. इस दौरान आरोपी नवीन ने राष्ट्रपति कार्यालय के नाम से कुछ दस्तावेज भेजें. पीड़ित को उन पर यकीन हो गया. बाद में जब जनवरी और मार्च में 2024 राष्ट्रपति कोटे से सांसदों की नॉमिनेशन लिस्ट आई, तो उसका नाम नहीं था. जब उसने शिकायत की तो संत ने इनकार कर दिया. नरेंद्र से बातचीत भी बंद कर दिया.
संत नानक दास को बाकी रकम लेने के लिए पुलिस ने बुलाया
पुलिस ने नानक दास और नवीन सिंह को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. पुलिस ने पीड़ित नरेंद्र सिंह के जरिए नानक दास और नवीन सिंह को बाकी रकम लेने के बहाने बुलाया. दोनों आरोपी रकम लेने के लिए दिल्ली पहुंचे. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने नवीन से अन्य व्यक्तियों के नाम पर बनाए फर्जी डॉक्यूमेंट और आवेदन बरामद किए. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने ठगी की रकम से प्रॉपर्टी खरीद ली है.
नानक दास केंद्र सरकार की टी बोर्ड कमेटी का मेंबर रह चुका है
पुलिस के अनुसार नानक दास केंद्र सरकार की टी बोर्ड कमेटी का मेंबर रह चुका है. टी बोर्ड वाणिज्य मंत्रालय के अधीन केंद्र सरकार की संस्था है. इस टी बोर्ड में सांसदों की प्रतिनिधि, चाय उत्पादकों, चाय व्यापारियों, चाय दलालों, उपभोक्ताओं, राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों और ट्रेड यूनियन से लिए गए 31 सदस्यों की कमेटी बनाई जाती है. इस कमेटी में नानक दास सदस्य भी था.
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