
Blackbuck case: कांकाणी हिरण शिकार प्रकरण फिर सुर्खियों में आया हुआ है. आज (28 जुलाई) हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी. इसी मामले में सीजेएम कोर्ट ने फिल्म अभिनेता सलमान खान को 5 साल जेल की सजा सुनाई थी. वही फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेन्द्र व दुष्यंत सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. इसके बाद सरकार की ओर से इस मामले में अपील करने की समय सीमा के भीतर अपील नहीं की गई. सरकार की ओर से फिल्म अभिनेता सैफ अली खान नीलम तब्बू सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को बरी किए जाने के खिलाफ कोर्ट में लीव टू अपील पेश की गई. हाईकोर्ट जस्टिस मनोज गर्ग की कोर्ट में 16 मई को सुनवाई हुई थी. जस्टिस मनोज गर्ग की कोर्ट ने सरकार की ओर से पेश की गई 'लीव टू अपील' को सलमान खान से जुड़े अन्य मामलों के साथ सूचीबद्ध करने का आदेश सुनाया था.
इस वजह से पेश की गई थी 'लीव टू अपील'
दरअसल, किसी भी मामले में अपील पेश करने की समय सीमा बीत जाने के बाद "लीव टू अपील" यानी "अपील करने की इजाजत" पेश की जाती है. यह एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें किसी व्यक्ति को किसी निर्णय या आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए अनुमति मांगने की आवश्यकता होती है, खासकर जब वह अपील की सामान्य समय सीमा समाप्त हो गई हो या अन्य कानूनी बाधाओं के कारण अपील करने में असमर्थ हो.
सरकार की अपील पर भी होगी बहस
गौरतलब है कि कांकाणी शिकार मामले में सीजेएम कोर्ट ने सलमान को 5 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद सलमान ने जिला एवं सेशन न्यायालय में सजा के खिलाफ अपील की थी. इस दौरान सलमान खान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने सलमान से जुड़े तमाम मामले हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए ट्रांसफर पिटीशन लगाई थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया था. सलमान खान की ओर से पेश की गई अपील पर आज सुनवाई होगी. साथ ही इस दौरान सरकार द्वारा पेश 'लीव टू अपील' पर भी बहस होगी.
यह भी पढ़ेंः 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म के निर्माता को जान का खतरा, मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा