
Sanchore News: राजस्थान के जालोर जिले के सांचौर के नेहड़ क्षेत्र से निकलने वाली लूनी नदी के बढ़ते जलस्तर ने पावटा गांव के हालात बिगाड़ दिए हैं. पिछले सात दिनों से यह गांव चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है, जिसके कारण यहां रहने वाले 100 से ज्यादा परिवार अपने घरों में कैद हैं. हालात ऐसे हैं कि वे जान जोखिम में डालकर टायर ट्यूब के सहारे राशन और जरूरी सामान ला रहे हैं.
ग्रामीण खुद कर रहे राशन का इंतजाम
नदी के तेज बहाव के कारण गांव का सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. ग्रामीणों का कहना है कि सात दिन बीत जाने के बाद भी न तो कोई राहत सामग्री पहुंचाई गई है और न ही प्रशासन का कोई जिम्मेदार व्यक्ति हालात जानने आया है. गांव के लोग राशन लाने के लिए टायर ट्यूब या अस्थायी साधनों के जरिए पानी से होकर बाहर जाने को मजबूर हैं. यह स्थिति उनके जीवन को और खतरे में डाल रही है.
बढ़ता जलस्तर बढ़ा रहा चिंता
लूनी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है. जिससे घरों में कैद ग्रामीण डर के साये में जी रहे हैं. अगर जलस्तर और बढ़ा तो स्थिति गंभीर हो सकती है. ग्रामीणों ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को हो रही है.
प्रशासन पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा लग रहा है जैसे प्रशासन कुंभकरण की नींद सो रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत सामग्री, मेडिकल टीम और नावों की व्यवस्था करने की मांग की है ताकि लोगों की जान बचाई जा सके. पावटा गांव के हालात बताते हैं कि प्राकृतिक आपदा के दौरान समय पर राहत और बचाव पहुंचाना प्रशासन की प्राथमिक ज़िम्मेदारी होती है, लेकिन यहां लापरवाही के कारण ग्रामीणों की जान दांव पर लगी है.
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