5 जुलाई को शुक्र के उदित होने के बाद 9 जुलाई से शुरू हुआ शादी-ब्याह का सिलसिला आज के भड़ली नवमी के अबूझ मुहूर्त के साथ फिर से थम जाएगा. आज भडल्या नवमी पर सात खास योगों के साथ ये साल के पहले चरण का आखिरी सावा होगा. आज ही के दिन अबूझ मुहूर्त के साथ 8 रेखा का श्रेष्ठ सावा भी होगा. जो भी शादियाँ होने वाली हैं, वे आज के इस अबूझ मुहूर्त में हो जाएंगी.
दीपावली के 11 दिनों बाद देवउठनी एकादशी से सावे शुरू होंगे
ज्योतिषाचार्य पन्डित हरिनारायण मन्नासा बताते हैं कि भडल्या नवमी के दो दिनों बाद देवशयनी एकादशी से चार महीनों तक के लिए शादियों के आयोजन पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी और उसके बाद साल के दूसरे चरण में दीपावली के बाद ही सावे शुरू होंगे. 119 दिनों तक वैवाहिक आयोजनों पर रोक रहेगी. इसमें भी महत्वपूर्ण बात ये है कि दीपावली के 11 दिनों बाद देवउठनी एकादशी से सावे शुरू तो होंगे, लेकिन माह दिसम्बर तक श्रेष्ठ सावे सिर्फ़ 11 ही रहेंगे. जिनमें शादियां हो सकेंगी.
दीपावली का महापर्व भी 1 नवम्बर को होगा
15 जुलाई को भडल्या नवमी के अबूझ सावा है और ये सावा पंचांग का 8 रेखीय श्रेष्ठ सावा भी है. इसके बाद 7 सितम्बर को गणेश चतुर्थी के दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा. गणेश चतुर्थी के बाद 12 अक्टूबर को विजयादशमी और 29 अक्टूबर को धनतेरस के अबूझ मुहूर्त रहेंगे. चातुर्मास के दौरान ही दीपावली का महापर्व भी 1 नवम्बर को होगा, जो अबूझ मुहूर्त रहेगा.
नवंबर में होगी देवउठनी
इस अबूझ मुहूर्त में नया काम करना, नई चीजें खरीदना आदि तो ठीक रहेगा, लेकिन शादियों के आयोजन वर्जित रहेंगे. दीवाली के 11 दिनों बाद देवउठनी एकादशी से वैवाहिक आयोजनों की फिर से शुरूआत हो सकेगी. सावों की बात की जाए तो 17 नवम्बर और उसके बाद 22, 24, 25, 26 और 27 नवम्बर के बाद 5, 6, 9 और 11 दिसम्बर को पंचांग के सावे रहेंगे.
पन्डित मन्नासा बताते हैं कि आज यानी 15 जुलाई को भडल्या नवमी पर एक साथ 7 शुभ योग बने हैं. आज रवि योग का भी निर्माण है. ये योग दिन भर रहेगा. आज ही के दिन बालव, कौल और तैंतिल योग का भी निर्माण हो रहा है. आज के इस अबूझ मुहूर्त में एक ही दिन में 500 के आसपास शादियाँ होने का अनुमान है.