Share Trading Fraud: देश के करोड़ों लोग शेयर मार्केट में निवेश करते हैं. शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश के जरिए कई लोग कुछ ही समय में मोटा मुनाफा भी कमाते हैं. लेकिन कई लोग शेयर मार्केट की चक्करघिन्नी में फंस कर अपनी मेहनत की कमाई भी गंवा देते हैं. मौजूदा समय में शेयर मार्केट में निवेश के जरिए कुछ ही समय में मोटा रिटर्न पाने का शार्टकट तरीका बताने वाले कई एप, कंसल्टेंट कुकुरमुत्ते की तरह फैल चुके हैं. इसमें कुछ तो सही होते हैं लेकिन कुछ भयानक वाले नटवरलाल भी. कुछ नटवरलाल ऐसे भी होते हैं, जो अपनी फटेहाल जिंदगी को इसी ठगी के जरिए विलासिता में भर देते हैं.
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से सामने आया मामला
राजस्थान से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. राजस्थान के श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar) जिले की पुलिस ने शेयर मार्केट के जरिए ठगी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह में शामिल लोग कुछ साल पहले तक तंगहाली में जीवन में जी रहे थे. लेकिन शेयर मार्केट में निवेश की टिप्स बताने वाली कंपनी के जरिए इन लोगों ने कुछ ही सालों में 10 हजार करोड़ रुपए की ठगी कर ली.
जमीन-गहने बेचकर दिए पैसे, अब वापसी के लिए तरस रहे लोग
मिली जानकारी के अनुसार श्रीगंगानगर जिले के 8 लोगों ने मिलकर शेयर मार्केट में निवेश का तरीका बताने वाली एक कंपनी खोली. फिर इसके जरिए देश भर के निवेशकों से ठगी की. किसी ने जमीन बेचकर तो किसी ने गहने गिरवी रखकर आरोपियों की कम्पनी में पैसा लगाया. अब जब इन लोगों को ठगी का पता चला तो ये अपनी कमाई का पैसा वापस पाने के लिए तरस रहे हैं.
ठगी से आलीशान जिंदगी जी रहे शातिर आरोपी
बताया गया श्रीगंगानगर में कुछ शातिर बदमाशों ने एक कंपनी बनाई. कंपनी का खूब प्रचार-प्रसार कर देश भर के हजारों लोगों से हजारों करोड़ों रुपए की ठगी कर डाली. आरोपियों ने लोगों को कंपनी में निवेश कर पैसे डबल करने का झांसा दे लोगों से हजारों करोड़ों रुपये ठग लिए और अब लोगों की मेहनत की कमाई को ठगकर ये सभी आलीशान जिंदगी जी रहे हैं.
सॉफ्टवेयर कम्पनी बनाकर 2017 से कर रहे थे ठगी
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने कर्नाटक, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में अब तक हजारों लोगों से 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की ठगी को अंजाम दिया है. आरोपी यह शातिर गिरोह वर्ष 2017 से चला रहे थे. इस मामले में श्री गंगानगर पुलिस ने अंबिका एनक्लेव सेकंड एनिवर्सरी से लाजपत आर्य और उसके बेटे दीपक आर्य को गिरफ्तार किया है.
आरोपियों के पास श्री गंगानगर में करोड़ों के मकान
पुलिस के मुताबिक वार्ड नंबर 3 के निवासी अजय आर्य, उसका भाई दीपक और पिता लाजपत राय करीब 10 वर्ष पूर्व श्रीगंगानगर के कालिया गांव में रहते थे. उस समय उनके पास में न तो कोई जमीन थी ना ही कोई व्यवसाय. लेकिन ठगी के जरिए इन लोगों ने गंगानगर में करोड़ों रुपए के मकान बना लिए. अब आलीशान जीवनयापन कर रहे थे.
कर्नाटक के पीड़ित की शिकायत पर खुला मामला
10 हजार करोड़ से अधिक की ठगी का यह मामला कर्नाटक के एक पीड़ित की शिकायत पर सामने आया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कर्नाटक यूनिवर्सिटी के कटप्पा बाबू चौहान ने श्री गंगानगर के सदर थाना में आरोपियों के खिलाफ परिवाद दर्ज करवाया था. जिसमें उन्होंने 4.30 करोड़ की ठगी का आरोप लगाया था. जिस पर सदर थानाधिकारी और ट्रेनी आईपीएस बी.आदित्य ने जांच की तो इस पूरी कम्पनी का खुलासा हुआ.
अन्य आरोपी ठगी के पैसे से दुबई भागे
पुलिस के मुताबिक इस ठगी रैकेट के कई आरोपी दुबई भाग गए हैं. पुलिस ने बताया गिरफ्तार आरोपी दीपक का भाई अजय, सौरव चावला और उसकी पत्नी प्रियंका निवासी बलजीत सिंह कालिया, करमजीत सिंह आदि दुबई भाग गए हैं. अब पुलिस इन लोगों को भारत लाने की कोशिश में जुटी है.
पुलिस ने पहली शिकायत की जांच की तो 75 बैंक खाते आए सामने
पुलिस ने जब शुरुआती जांच की तो आरोपियों के करीब 75 बैंक खाता सामने आए. बैंक खाते में आरोपियों द्वारा करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया था. इसमें एक बैंक अकाउंट ऐसा भी मिला जिसके सम्बंध में करीब 68 हजार से ज्यादा ऑनलाइन शिकायतें भी आई हुई थी.
एसपी ने बताया- कैसे ठगी करते थे आरोपी
श्रीगंगानगर एसपी गौरव यादव ने बताया कि आरोपियों ने कैप मोर FX के नाम से ऑनलाइन एप बना रखा था. लोगों को शेयर मार्केट में सुरक्षित निवेश करने के तरीके सिखाते थे. इसके लिए कर्नाटक और महाराष्ट्र में सेमिनार करके ग्राहकों को आकृष्ट करते थे. ₹15000 तक फीस लेकर 15-20 दिन ट्रेनिंग देते फिर अपने इस ऐप पर निवेश करवाते थे.
1000 रुपए के पहले निवेश पर देते थे 500 का रिटर्न
इस ऐप पर पहले छोटे निवेश के खाता खोलने जैसे हजार रुपए का खाता खोल निवेश करवाया. उसे ग्राहक को ₹1500 रिटर्न भी कर देते थे. ₹500 का मुनाफा देखकर निवेश करने वाला एक बार बौखला जाता था और वह दोबारा से फिर मोटे रुपए इनवेस्ट करता था जिसके बाद यह उसकी वापसी पेमेंट नहीं देते.
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