
Rajasthan News: बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक बार फिर से दोनों एक बड़े विवाद में फंस गए हैं. मुंबई के एक कारोबारी ने उन पर ₹60 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इस मामले में शिल्पा, राज और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया है.
शिकायत के मुताबिक, यह मामला 2015 से 2023 के बीच का है. शिकायतकर्ता दीपक कोठारी ने आरोप लगाया है कि शिल्पा और राज ने अपने कारोबार को बढ़ाने के नाम पर उनसे पैसे लिए, लेकिन उसका इस्तेमाल अपने निजी खर्चों के लिए किया. यह मामला सामने आने के बाद बॉलीवुड और कारोबार जगत में हड़कंप मच गया है.
कैसे शुरू हुआ मामला?
दीपक कोठारी के अनुसार, साल 2015 में शिल्पा और राज कुंद्रा ने एक बिचौलिए के जरिए उनसे संपर्क किया. वे अपनी कंपनी 'बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड' के लिए ₹75 करोड़ का लोन लेना चाहते थे. यह कंपनी लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स बेचती थी और एक ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म चलाती थी. उस समय 12% ब्याज दर पर बात हुई थी.
कोठारी का आरोप है कि बाद में दोनों ने उनसे लोन के बजाय 'निवेश' (Investment) के तौर पर पैसे देने को कहा. उन्होंने आश्वासन दिया कि हर महीने रिटर्न मिलेगा और मूलधन भी लौटा दिया जाएगा. कोठारी ने बताया कि उन्होंने अप्रैल 2015 में ₹31.95 करोड़ और सितंबर 2015 में ₹28.53 करोड़ की रकम कंपनी के बैंक खातों में जमा की. इस तरह कुल ₹60.48 करोड़ दिए गए.
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— NDTV India (@ndtvindia) August 14, 2025
काफी समय तक पैसा वापस न मिलने पर कोठारी ने आरोप लगाया कि शिल्पा और राज ने जानबूझकर उनके पैसे का गलत इस्तेमाल किया और उसे निजी फायदे के लिए खर्च किया. इसके बाद उन्होंने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. अब EOW इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है, जिसमें सभी लेनदेन और समझौतों की पड़ताल की जा रही है.
शिल्पा-राज की तरफ से क्या है सफाई?
इस मामले पर शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के वकील प्रशांत पाटिल ने बयान जारी कर आरोपों को 'निराधार और दुर्भावनापूर्ण' बताया है. वकील ने कहा कि यह मामला आपराधिक नहीं, बल्कि पूरी तरह से 'दीवानी' (Civil) है. उनका दावा है कि इस मामले पर NCLT (National Company Law Tribunal) में पहले ही सुनवाई हो चुकी है और वहां इसका निपटारा भी हो गया है.
प्रशांत पाटिल के अनुसार, यह एक पुराना लेनदेन है. कंपनी को वित्तीय नुकसान हुआ था, जिसके कारण यह मामला NCLT तक पहुंचा. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई भी आपराधिकता नहीं है. उनके ऑडिटर्स पिछले एक साल में 15 से ज्यादा बार EOW के पास जाकर सभी जरूरी दस्तावेज जमा कर चुके हैं. वकील ने यह भी बताया कि कंपनी को लिक्विडेशन का आदेश भी मिल चुका है और इसके दस्तावेज भी पुलिस को सौंप दिए गए हैं. वकील ने कहा कि यह केस सिर्फ उनके क्लाइंट्स की छवि खराब करने के लिए किया गया है, और वे इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.
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