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SI Paper Leak Case: राजस्थान में क्या SI भर्ती 2021 को रद्द कर पाएगी सरकार? सेना, टीचर और रेलवे की नौकरी छोड़ बने सब इंस्पेक्टर

SI भर्ती परीक्षा 2021 में ऐसे उम्मीदवार भी शामिल हैं जिन्होंने मेरिट के साथ परीक्षा पास की. जबकि इससे पहले कई उम्मीदवार सेना, टीचर, क्लर्क की नौकरी कर रहे थे.

SI Paper Leak Case: राजस्थान में क्या SI भर्ती 2021 को रद्द कर पाएगी सरकार? सेना, टीचर और रेलवे की नौकरी छोड़ बने सब इंस्पेक्टर

SI Paper Leak Case: राजस्थान में SI भर्ती 2021 को रद्द करने को लेकर सरकार के फैसले का इंतजार किया जा रहा है. क्योंकि सरकार ने SI भर्ती परीक्षा की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है. SI भर्ती को लेकर हर रोज नए खुलासे और गिरफ्तारियां हो रही है. SOG अलग-अलग गिरफ्तार ट्रेनी SI के साथ जांच कर रही है. जिसके बाद जालसाजों के बड़े नेटवर्क सामने आ रहे हैं. ऐसे में भर्ती परीक्षा में इतनी बड़ी धांधली को लेकर युवा सरकार से इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि अगर इस भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया गया तो उन उम्मीदवारों का क्या होगा जिन लोगों ने मेरिट से इस भर्ती को क्रैक किया है.

SI भर्ती परीक्षा 2021 में ऐसे उम्मीदवार भी शामिल हैं जिन्होंने मेरिट के साथ परीक्षा पास की. जबकि इससे पहले कई उम्मीदवार सेना, टीचर, क्लर्क की नौकरी कर रहे थे. अब अगर परीक्षा रद्द कर दी जाती है तो इन उम्मीदवारों का क्या होगा.

चलिए आपको ऐसे ही उम्मीदवारों के बारे में बताते हैं.

विक्रम 16 साल सेना की नौकरी छोड़ बने SI

विक्रम पंवार ऐसे ही उम्मीदवार है जिन्होंने 16 साल सेना में नौकरी करने के बाद 2021 में एसआई भर्ती में सफल हुए. हालांकि इससे पहले वह RAS में चयनित हुए लेकिन अलायड सर्विस मिली तो ज्वाइन नहीं किया. साथ 2016 में ASI भर्ती में भी चयनित हुए थे. अब विक्रम की उम्र 42 साल है. बेटा IIT की तैयारी कर रहा है और पिता बीमार हैं. ऐसे में भर्ती रद्द हुई तो विक्रम और उनके परिवार का क्या होगा.

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विक्रम के पिता रामगोपाल पंवार का कहना है कि दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन वे सोचते हैं कि काश विक्रम ने RAS की अधीनस्थ सेवा ही ज्वाइन कर ली होती तो आज यह संकट न आता.

चेनु चौधरी ने भी छोड़ी थी कांस्टेबल की नौकरी

विक्रम की तरह चेनु चौधरी भी कई नौकरियां छोड़ कर SI ज्वाइन करना चुना. चेनु साल 2015 से 2019 तक महिला कांस्टेबल पद पर कार्यरत थीं. साल 2019 में कांस्टेबल की नौकरी छोड़ वह थर्ड ग्रेड लेवल वन टीचर बन गईं. इसके बाद शीनू ने हिंदी से नेट परीक्षा भी पास की. लेकिन जब एसआई भर्ती निकली तो परीक्षा पास कर वह SI में भर्ती हो गईं. जबकि साल 2022 में फर्स्ट ग्रेड टीचर में भी चयन हुआ लेकिन चेनु ने ज्वाइन नहीं किया.

चेनु अपने परिवार में इकलौती ऐसी है जो सरकारी सेवा में है. जबकि पूरा परिवार खेती का काम करता है. ऐसे में चेनु की मेहनत का क्या होगा जब SI भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया जाएगा.
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पृथ्वी राज रेलवे की नौकरी छोड़ बने SI

पृथ्वी राज भी ऐसे ही उम्मीदवार हैं जिन्होंने कई नौकरी को छोड़ SI भर्ती को चुना है. पृथ्वी राज जोधपुर हाईकोर्ट में निजी सहायक के पद पर कार्यरत थे. साल 2023 में वह रेलवे में कनिष्क आशुलिपिक पद पर चयनित हुए थे. लेकिन उन्होंने दोनों नौकरी को छोड़ SI भर्ती को चुना. क्योंकि वह पुलिस की नौकरी करना चाहते थे. पृथ्वी राज के परिवार उनका एक भाई किसान तो दूसरा स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं.

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शिवनारायण ने भी छोड़ी कई नौकरियां

चुरू जिले के रहने वाले शिवनारायण भी भूतपूर्व सैनिक हैं. वह साल 2004 से 2019 के बीच नौसेना में थे. साल 2023 में वह रेलवे में TTE के रूप में चयनित हुए और ट्रेनिंग भी ली. इस बीच उनकी नौकरी ग्राम विकास अधिकारी और पटवारी के पद पर भी चयनित हुए लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया. बाद में उन्होंने SI की नौकरी को चुना.

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अनिता यादव लेक्चरर पद को छोड़ा था

28 साल की अनीता यादव की भी कहानी ऐसी है. साल 2017 में नेट परीक्षा पास की. साल 2022 में स्कूल लेक्चरर में चयनित हुई. रीट परीक्षा 2022 में 360वीं रैंक थी. वह सीनियर टीचर ग्रेट टू पद पर भी चयनित हुई. लेकिन आखिरकार उसने SI भर्ती को चुना. अनिता अपने घर में इकलौती सरकारी सेवक है.

किरोड़ी लाल मीणा भी भर्ती रद्द करने की मांग कर रहे

एसओजी की जांच में अब तक बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का खुलासा हुआ है. इसीलिए युवाओं का एक धड़ा इसे रद्द करने की मांग कर रहा है. वे खून से चिट्ठी तक लिख रहे हैं. युवाओं के इस धड़े को मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का भी समर्थन मिला है. वे भी भर्ती रद्द करने की मांग कर चुके हैं.

लेकिन बीते दिनों ट्रेनी एसआई के परिजन भी शहीद स्मारक पर जमा हुए. उन्होंने सरकार से निर्दोष ट्रेनी एसआई का पक्ष सुनने की मांग की. इस दौरान उन्होंने एक पोस्टर लगाकर यह दावा भी किया कि मौजूदा ट्रेनी एसआई भी सौ से अधिक ऐसे हैं, जो दूसरे सेवाओं में चयनित हुए थे. इनकी मांग को भी कई नेताओं का समर्थन मिला. भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़, बांसवाड़ा से सांसद राजकुमार रोत, विधायक अभिमन्यू पूनियां ने भर्ती रद्द न करने की बात कही. लेकिन अब अंतिम फैसला सीएम भजनलाल को लेना है. जिन्हें अब इन लोगों की भविष्य के बारे में भी सोचना होगा. 

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