Gopinath Mandir: सीकर में सोमवार सुबह से ही भक्तों में जन्माष्टमी के पर्व को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. शहर के प्राचीन गोपीनाथ जी मंदिर में गोपीनाथ राजा के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. जन्माष्टमी के उत्साह के बीच सोमवार सुबह मंगला आरती से पहले भगवान का विशेष फूलों से श्रृंगार किया गया है. और उसके बाद मंगला आरती की गई. वहीं दोपहर में महिलाओं के कीर्तन का भी आयोजन किया जाएगा. पूरे दिन में पांच बार गोपीनाथ राजा के वस्त्र बदले जाएंगे और आरती का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद रात्रि 12:00 बजे गोपीनाथ राजा का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद विशेष आरती का आयोजन किया जाएगा और भक्तों को पंचामृत, पंजीरी और फलों का प्रसाद वितरित किया जाएगा.
लड्डू खाने खुद पहुंच गए थे गोपानाथ जी
शहर के प्राचीन गोपीनाथ जी मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 1778 ई. में सीकर के राव राजा शिव सिंह ने करवाया था. राजा स्वयं को गोपीनाथ का सेवक मानते थे, इसलिए जनता उन्हें भक्त गोपीनाथ राजा भी कहती थी. इतिहासकार बताते हैं कि एक बार मंदिर के पुजारी गोपीनाथ राजा को भोग लगाना भूल गए. इसके बाद भगवान गोपीनाथ स्वयं बाल रूप में मंदिर के नीचे बनी मिठाई की दुकान पर पहुंचे और अपने एक पैर का चांदी का कंगन दुकानदार को दिया और चार लड्डू खाए. जब पुजारी वापस मंदिर लौटे तो गोपीनाथ राजा के एक पैर का कंगन गायब मिला. गोपीनाथ राजा के कंगन गायब होने की सूचना जब हलवाई को मिली तो वह कंगन लेकर राजा के दरबार में पहुंचा और बताया कि किस तरह एक छोटा बच्चा कंगन उसकी दुकान पर लाया और लड्डू ले गया.इसके बाद गोपीनाथ राजा के प्रति भक्तों की आस्था बढ़ती चली गई.
सुरक्षा के किए पुख्ता इंतजाम
आज सोमवार सुबह से ही कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर प्राचीन गोपीनाथ मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. साथ ही किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है.
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