
Wildlife Counting in Sikar: बीती रात (11 जून) को वन्यजीवों की गणना में वन कर्मचारी जुटे रहे. वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की जा रही है. सीकर में वन्य जीवों की गणना के दौरान नीमकाथाना के बालेश्वर 10 हेक्टेयर पॉइंट पर पैंथर दिखाई दिया. सीकर के नीमकाथाना में 12 और पाटन में 10 वाटर पॉइंट बनाए गए हैं. जिले की बात करें तो पूरे जिले में 86 वाटर पॉइंट बनाए गए हैं. इस दौरान देर रात डीएफओ गुलझारी लाल जाट और एसीएफ वाइड लाइफ श्रवण बाजिया ने वाटर पॉइंट का निरीक्षण किया.
जिले में 64 हजार हेक्टेयर वनक्षेत्र
नीमकाथाना के बालेश्वर 10 हेक्टेयर पर वन कर्मियों ने पैंथर दहाड़ सुनाई दी और पैंथर दिखाई भी दिया. डीएफओ गुलझारी लाल जाट ने बताया कि जिले में 64 हजार हेक्टेयर भूमि फॉरेस्ट एरिया है. वन्यजीवों की बढ़ोतरी के लिए साल में एक बार गर्मी के मौसम में वाटर हॉल पद्धति से वन्य जीवों की गणना करके आंकलन किया जाता है.
संख्या में कमी का मतलब है वन्यजीवों का पलायन
आंकलन में इनकी संख्या में वृद्धि हो जाती है तो ये समझा जाता है कि फोरेस्ट एरिया सुरक्षित हैं. ये धीरे-धीरे जितना डिग्रेडेशन होता जाता है, उतना ही जानवर बाहर की ओर निकलना शुरू कर देते हैं. इससे वन्यजीवों का पलायन शुरू हो जाता है, जिससे कि जानवरों की संख्या में गिरावट आ जाती है. उन सभी चीजों को देखते हुए जिले में 86 वाटर पॉइंट पर गणना की जा रही है.
इस बार दिखे 7 सांभर
वन्यजीव गणना के लिए हर पॉइंट पर 2 कार्मिक लगाए गए हैं. रेंजर जोगिंदर सिंह ने बताया, "इस बार अच्छी खबर यह है कि पिछली बार 2 सांभर यहां देखने को मिले थे. लेकिन अभी तक 7 सांभर देखने को मिल चुके हैं. इसके साथ ही पैंथर दिखना भी अच्छा संकेत है."
यह भी पढ़ेंः देश में सबसे ज्यादा तापमान श्रीगंगानगर में, राजस्थान में गर्मी ने तोड़े रिकॉर्ड