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This Article is From Feb 10, 2025

Rajasthan: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में आज होगी सुनवाई, 14 साल पुराने मामले में कम नहीं हो रही धारीवाल की मुश्किलें

Shanti Dhariwal: पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के पूर्व अधिकारियों पर एकल पट्टा प्रकरण में अनियमितताओं के आरोप हैं.

Rajasthan: बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण में आज होगी सुनवाई, 14 साल पुराने मामले में कम नहीं हो रही धारीवाल की मुश्किलें

Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट में आज (10 फरवरी) दोपहर 3:30 बजे बहुचर्चित एकल पट्टा प्रकरण पर सुनवाई होगी. इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की विशेष एकलपीठ करेगी. पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के पूर्व अधिकारियों पर एकल पट्टा प्रकरण में अनियमितताओं के आरोप हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पुराने आदेशों को रद्द कर दिया था और फिर से सुनवाई करने के निर्देश दिए थे. इसके मुताबिक, हाईकोर्ट को 6 महीने के भीतर फैसला देना होगा.  

तुषार मेहता, कपिल सिब्बल समेत कई दिग्गज वकील करेंगे पैरवी

इस केस की सुनवाई में दोनों पक्षों के दिग्गज वकील पैरवी करेंगे. राज्य सरकार की ओर सेसॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG), एसवी राजू, एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) शिवमंगल शर्मा और विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा रहेंगे. जबकि शांति धारीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद दलीलें देंगे. एक्टिविस्ट अशोक पाठक की ओर से एडवोकेट आशीष कुमार सिंह एडवोकेट वागीश कुमार सिंह पैरवी करेंगे.

जानिए क्या है पूरा मामला 

यहा मामला 2011 में जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) द्वारा गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिए गए एकल पट्टे से जुड़ा है. इसके 2 साल बाद वर्ष 2013 में रामशरण सिंह ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में शिकायत दर्ज कराई थी कि यह पट्टा नियमों के खिलाफ दिया गया, जिससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ. साल 2014 में एसीबी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की.

इस जांच में तत्कालीन एसीएस जीएस संधू समेत छह आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई थी. इसके अलावा, गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग सहित कई अफसरों के खिलाफ जांच की गई. इस मामले में एसीबी शांति धारीवाल से भी पूछताछ कर चुकी है. हालांकि, एसीबी ने तीन बार क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करते हुए किसी भी अनियमितता से इनकार किया. 

एसीबी की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ परिवादी ने अदालत में शांति धारीवाल को भी आरोपी बनाने की अर्जी दी थी. धारीवाल ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की, जिसके बाद 15 नवंबर 2022 को हाईकोर्ट ने प्रोटेस्ट पिटिशन और अन्य आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया और छह महीने में मामले की दोबारा सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया. इसी आदेश के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विशेष एकलपीठ का गठन किया है. 

एसीबी की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ परिवादी ने अदालत में शांति धारीवाल को भी आरोपी बनाने की अर्जी दी थी. धारीवाल ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की, जिसके बाद 15 नवंबर 2022 को हाईकोर्ट ने प्रोटेस्ट पिटिशन और अन्य आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया.

बीजेपी सरकार ने दी थी क्लीन चिट, फिर खुद ही इसे बता दिया गलत

इस मामले में भाजपा सरकार की ओर से पहले 22 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दायर कर शांति धारीवाल और अन्य आरोपियों को क्लीन चिट दी गई थी. लेकिन सरकार के भीतर हुई आलोचना के बाद इस मामले के केस अधिकारी और एडवोकेट तक बदल दिए गए. सरकार ने नया एफिडेविट पेश करते हुए पुराने जवाब को गलत बताया और कहा कि वह वरिष्ठ अधिकारियों और एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) से सलाह के बिना दायर किया गया था. इसके बाद राजस्थान सरकार ने इस केस की पैरवी के लिए एडिशनल महाधिवक्ता (AAG) शिवमंगल शर्मा को विशेष जिम्मेदारी दी है.

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