![Himangi Sakhi: महाकुंभ में किन्नर जगद्गगुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला, महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण पर लगाए आरोप Himangi Sakhi: महाकुंभ में किन्नर जगद्गगुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला, महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण पर लगाए आरोप](https://c.ndtvimg.com/2025-02/kpojl2f_mahakumbh-2025-himangi-sakhi-lakshmi-narayan-tripathi_625x300_10_February_25.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में किन्नर जगद्गुरु हिमांगी सखी पर जानलेवा हमला हुआ. इस हमले में हिमांगी सखी गंभीर रूप से घायल हो गई हैं. उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला कल (9 फरवरी) रात हुआ. हिमांगी सखी का आरोप है कि सेक्टर-8 स्थित कैंप में लक्ष्मी नारायण अपने 50-60 लोगों को लेकर आई थीं, जिनके पास त्रिशूल, फरसा जैसे हथियार थे. हालांकि लक्ष्मी नारायण ने आरोपों को खारिज कर दिया. दोनों के बीच पहले भी विवाद सामने आ चुका है. अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़ा में महामंडलेश्वर बनाए जाने पर हिमांगी सखी ने विरोध जताया था.
24 जनवरी को एक्ट्रेस का हुआ था पट्टाभिषेक
दरअसल, 24 जनवरी को किन्नर अखाड़े में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि, किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और अन्य किन्नर महामंडलेश्वरों की उपस्थिति में ममता कुलकर्णी सहित 6 नए महामंडलेश्वरों का पट्टाभिषेक किया गया था. ममता कुलकर्णी को नया नाम यमाई ममता नंद गिरि दिया गया था.
"किन्नर अखाड़ा सिर्फ किन्नरों के लिए", हिमांगी सखी ने खड़े किए थे सवाल
किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी ने सवाल खड़े करते हुए कहा था, "किन्नर अखाड़े ने प्रचार पाने के लिए ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया है, समाज उनके अतीत को अच्छी तरह जानता है. किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है तो फिर एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया. अगर हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाना है तो फिर अखाड़े का नाम किन्नर क्यों रखा गया है.''
अजय दास भी जाहिर कर चुके हैं आपत्ति
इसके बाद अखाड़े के कथित संस्थापक ऋषि अजय दास ने भी आपत्ति जाहिर करते हुए लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को ही पदमुक्त करने की घोषणा की थी. अजय दास ने कहा था, “त्रिपाठी ने सनातन धर्म और देश हित को दरकिनार करके देशद्रोह जैसे मामले में लिप्त ममता कुलकर्णी को अखाड़े की परंपरा का अनुपालन किए बगैर सीधे महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक कर दिया.”इसके जवाब में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी कहा था, “जो भी मेरे बोर्ड और मेरे सिस्टम में होगा, वही मुझे निकाल सकता है.”
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