सिरोही जिले में तीन विधानसभा है. जिसमें आबू रोड रेवदर सीट पर 4 बार से लगातार और आबू पिण्डवाड़ा सीट पर दो बार से लगातार कब्जा है. सिरोही सीट से फिलहाल निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा विधायक हैं. उन्होंने पिछले चुनाव में बीजेपी के ओटाराम देवासी को 12 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. उसके पहले वे कांग्रेस में थे लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय लड़े और चुनाव जीत गए.
इस बार के चुनाव में बीजेपी ने अपने तीन राम पर भरोसा जताया है. ओटाराम, समाराम और जगसीराम. खबर है कि, कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी ने एक सर्वे कराया था, जिसमें तीनों ही 'राम' पर जनता का विश्वास है. अगर हालिया माहौल को देखें तो आबू पिण्डवाड़ा और आबू रोड रेवदर से विधायक जगसीराम कोली बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं होगी.
अगर ऐसा होता है तो चुनाव काफी रोचक हो जाएगा. ऐसा इसलिए भी क्योंकि कहा जाता है , संयम लोढ़ा ने अपने विधानसभा में काफ़ी काम करवाया है. पूरे कार्यकाल में वे अपने क्षेत्र में काफी सक्रिय रहे हैं .
अब देखना ये है कि इस बार ओटाराम देवासी को विजय मिलती है या फिर हार का मुंह देखना पड़ेगा. वैसे सिरोही सीट पर बीजेपी आलाकमान को काफी मशक्क़त करनी पड़ी. क्योंकि यहॉं से पूर्व जिला प्रमुख पायल परषुराम पुरिया, पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित समेत कई लोग दावेदार थे. परन्तु जातिगत समीकरण ने ओटाराम देवासी पर बीजेपी ने भरोसा जताया और टिकट दिया.
लम्बे समय से चल रहे उहापोह पर विराम लग गया है क्योंकि बीजेपी के तीनों ही 'राम' मैदान में हैं. लेकिन अभी रणनीतिक नजरिये देखें तो थोड़ इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि कांग्रेस की ओर अभी प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं हुई है.
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