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This Article is From Feb 21, 2024

जेईएन पेपर लीक मामले में SIT का बड़ा खुलासा, अध्यापक निकला मास्टरमाइंड, 50 लाख में पटवारी को बेचा था पेपर

जेईएन भर्ती परीक्षा 2020 के पेपर लीक प्रकरण में अबतक 24 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. इस परीक्षा का सभी सरकारी कर्मचारियों ने मिलकर लीक किया था. इस पेपर लीक का मास्टरमाइंड एक अध्यापक था जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

जेईएन पेपर लीक मामले में SIT का बड़ा खुलासा, अध्यापक निकला मास्टरमाइंड, 50 लाख में पटवारी को बेचा था पेपर
गिरफ्तार आरोपियों की तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान में पेपर लीक मामलों (Paper Leak Case) की जांच के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया. एटीएस एवं एसओजी के डीआईजी वीके सिंह (V.K. Singh) ने बताया कि 2020 में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) द्वारा आयोजित कराई गई कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा (Junior Engineer Recruitment Exam 2020) का पेपर हायर सैकेंडरी स्कूल खातीपुरा के थर्ड ग्रेड टीचर राजेंद्र कुमार यादव (Rajendra Kumar Yadav) ने लीक किया था.

अभी तक पटवारी को समझा जा रहा था मास्टरमाइंड

इससे पहले पटवारी हर्षवर्धन मीणा को जेईएन भर्ती परीक्षा 2020 का पेपर लीक करने वाला मास्टरमाइंड समझा जा रहा था. इसीलिए राजस्थान पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम भी रखा था. पुलिस का जल्द ही कामयाबी भी मिल गई और हर्ष के साथ उसका साथी राजू यादव भी नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया. जब पुलिस ने दोनों आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला कि पटवारी को परीक्षा का पेपर वॉट्सऐप के जरिए मिला था, जिसे उसने करीब ढाई करोड़ रुपये में आगे दलालों और अभ्यर्थियों को बेच दिया था. उस वक्त पुलिस समझ गई कि हर्ष सिर्फ एक मोहरा है. इस पेपर लीक का असली मास्टरमाइंड अभी फरार है.

50 लाख रुपये में पटवारी को वॉट्सऐप पर बेचा पेपर

पूछताछ के दौरान हर्ष ने पुलिस को पेपर लीक की पूरी कहानी विस्तार से बता दी. उसने बताया कि 6 दिसंबर 2020 को भर्ती परीक्षा होनी थी. लेकिन इससे पहले ही राजेंद्र कुमार यादव अपने एक सहयोगी की मदद से स्कूल के स्टॉग रूम में दाखिल हो गया. इस दौरान उसने वहां रखे प्रश्न पत्र के लिफाके में बड़ी ही सफाई से चिरा लगाकर उसमें से पेपर निकाल लिया, और फिर उसका फोटो खींचकर पटवारी हर्ष को वॉट्सऐप पर भेज दिया. इसके बदले में उसने 50 लाख रुपये लिए. काम पूरा होने के बाद यादव ने बड़ी ही सफाई के साथ पेपर को वापस लिफाफे में डालकर उसे अपने स्थान पर रख दिया और स्टॉग रूम से बाहर निकलकर फरार हो गया.

23 साल से एक ही स्कूल में कार्यरत है अध्यापक राजेंद्र

हर्ष और राजू की निशानदेही पर पुलिस ने आरोपी शिक्षक राजेंद्र और उसके सहयोगी साथी शिवरतन मोटा को भी गिरफ्तार कर लिया. इन चारों आरोपियों को मिलाकर अब तक इस मामले में कुल 24 गिरफ्तारी हुई हैं. डीआईजी ने बताया कि भर्ती परीक्षा के पेपर स्कूल के स्टॉग रूम में दो घंटे पहले पहुंच गए थे. राजेंद्र स्टॉग रूम का इंचार्ज था. इसीलिए चाबी भी उसी के पास थी. इसी का फायदा उठाकर उसने पेपर लीक कर दिया, जिस कारण एग्जाम शुरू होने से पहले ही परीक्षा का वो पेपर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. जांच में सामने आया कि राजेंद्र यादव खातीपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पिछले 23 साल से कार्यरत है. मई 2010 में उसका एक बार ट्रांसफर जरूर हुआ था, लेकिन वो 3 महीने बाद ही इसी स्कूल में वापस आ गया था. पुलिस को शक है कि इस दौरान भी उसने पेपर लीक कराए होंगे. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ करते हुए आगे की कार्रवाई कर रही है.

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