Ajmer Dargah: अजमेर शरीफ दरगाह में ख्वाजा गरीब नवाज के 814वें उर्स के मौके पर आज जुम्मे (26 दिसंबर) की नमाज अदा की गई. इस खास दिन पर देश-विदेश से लाखों जायरीन अजमेर पहुंचे और दरगाह में सजदा-ए-अकीदत पेश किया। नमाज के दौरान दरगाह परिसर, आसपास की गलियां, सड़कों के किनारे और यहां तक कि घरों की छतों तक पर नमाजियों की भीड़ नजर आई. हर ओर “ख्वाजा का करम” और दुआओं का माहौल दिखाई दिया. उर्स के जुम्मे को बेहद अहम माना जाता है, इसलिए जायरीन सुबह से ही नमाज की तैयारियों में जुट गए थे. लेकिन नमाज अदा करने के दौरान ही यहां भगदड़ मच गई. जिसमें कई लोगों के घायल होने की सूचना है.
जुम्मे की नमाज के बाद अजमेर दरगाह के अंतरराष्ट्रीय बाजार में जायरिन जिन्होंने नमाज ली थी. वह दरगाह के अंदर जाने के प्रयास में भागते हुए नजर आए. इस दौरान दो-तीन जायरीन भगदड़ में नीचे जमीन पर गिर गए. जिन्हें मौजूद पुलिस कर्मियों ने संभाला.

प्रशासन ने किये थे व्यापक इंतजाम
भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से व्यापक इंतजाम किए गए थे. कायड़ विश्राम स्थली पर वाटरप्रूफ डोम लगाया गया, ताकि मौसम की अनिश्चितता के बीच जायरीन आराम से नमाज अदा कर सकें. नमाज के लिए अलग-अलग स्थान चिह्नित किए गए और सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासनिक कैंप भी स्थापित किए गए. हालांकि, स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि नमाज के दौरान कुछ समय के लिए विद्युत आपूर्ति बाधित रही, जिससे जायरीनों को परेशानी हुई। इसके बावजूद प्रशासन और स्वयंसेवकों ने हालात संभाले और व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा.
बाजारों तक पहुंची पहली बार भीड़
814वें उर्स के जुम्मे की नमाज ने पूरे शहर को रूहानियत के रंग में रंग दिया. जायरीन इसे बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं और मान्यता है कि इस दिन की गई इबादत कबूल होती है. इस बार खास बात यह रही कि अजमेर दरगाह के आसपास कई ऐसे बाजारों तक भी नमाजियों की भीड़ पहुंची, जहां पहले ऐसा दृश्य कम देखने को मिलता था. शहर में अकीदत, भाईचारे और इबादत का अनूठा संगम नजर आया, जिसने उर्स के महत्व को और भी खास बना दिया.