
Rajasthan News: अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने राजस्थान सरकार के बजट 2025 में ठेका कर्मचारियों के लिए की गई घोषणा को लागू न करने पर गहरी नाराजगी जताई है. महासंघ का कहना है कि सरकार की उदासीनता के कारण ठेका कर्मचारियों का शोषण बढ़ रहा है.
मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन सौंपा. इसमें बजट घोषणा संख्या 97(5) का हवाला देते हुए कहा गया कि सरकार ने ठेका कर्मचारियों को ठेकेदारों के शोषण से बचाने के लिए एक संस्था गठित कर नियम बनाने का वादा किया था.
सरकार ने उच्च अधिकारियों को तीन महीने में यह काम पूरा करने का निर्देश दिया था. लेकिन पांच महीने बीत जाने के बाद भी न कोई आदेश जारी हुआ न ही कोई प्रक्रिया शुरू की गई.
ठेकेदारों की मनमानी से कर्मचारियों में असंतोष
महासंघ ने आरोप लगाया कि ठेकेदार कई वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं. इससे न केवल कर्मचारियों का रोजगार छिन रहा है बल्कि सरकारी कामकाज भी प्रभावित हो रहा है.
कर्मचारियों में इस अन्याय के खिलाफ भारी गुस्सा है. कई विभागों में उच्च अधिकारी कार्मिक विभाग से मांगी गई जानकारी को गलत तरीके से शून्य बता रहे हैं. इससे ठेका कर्मचारियों के नियोजन की प्रक्रिया को जानबूझकर रोका जा रहा है.
रोजगार संकट और कर्मचारियों का दर्द
लंबे समय से काम कर रहे ठेका कर्मचारी अब बेरोजगारी के कगार पर हैं. सरकार की घोषणा के बावजूद कोई ठोस कदम न उठाए जाने से कर्मचारियों में निराशा बढ़ रही है. महासंघ ने इसे सरकार की वादाखिलाफी करार दिया है.
आंदोलन की चेतावनी
महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार जल्द ही बजट घोषणा को लागू कर ठेका कर्मचारियों के लिए नियम नहीं बनाती तो राज्य भर में चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा. गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि कर्मचारियों का धैर्य अब जवाब दे रहा है. सरकार को तुरंत कार्मिक विभाग के माध्यम से आदेश जारी कर ठेकेदारों के शोषण को रोकना चाहिए.