Rajasthan News: राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने अजमेर सेंट्रल जेल में बंदियों के मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में बड़ा और अहम फैसला सुनाया है. आयोग के सदस्य जस्टिस रामचंद्र सिंह झाला ने जेल अधीक्षक संजय यादव सहित सात प्रहरियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है. साथ ही पीड़ित कैदियों को अनुतोष राशि देने का आदेश दिया गया है.
आयोग के निर्णय के अनुसार, बंदी मुकेश उर्फ प्रेम एवं उनके निकटतम परिजन को 50,000 रुपये और अन्य दो बंदियों- करण उर्फ बाबू और श्यामलाल को 25,000-25,000 रुपये की अनुतोष राशि दी जाएगी. राज्य सरकार यह राशि तीन महीने में भुगतान करेगी और चाहे तो दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों से वसूली कर सकती है.
पत्नी किरण शेखावत की शिकायत पर हुई कार्रवाई
यह मामला तब सामने आया जब कैदी मुकेश उर्फ प्रेम की पत्नी किरण शेखावत ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने आरोप लगाया कि 6-7 अप्रैल 2017 की रात जेल अधीक्षक और प्रहरियों ने उनके पति समेत अन्य बंदियों के साथ मारपीट की और 30,000 रुपये की मांग की. उन्होंने जेल में अवैध वसूली, नशे के कारोबार और बैरकों की अवैध किराएदारी का भी आरोप लगाया.
किरण शेखावत की शिकायत पर जांच में हुई पुष्टि.
मानवाधिकार आयोग की जांच में इन आरोपों की पुष्टि हुई, जिसके बाद यह सख्त फैसला सुनाया गया. इस फैसले को जेल प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार और बंदियों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
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