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Ostrich Breeding Rajasthan: राजस्थान में पहली बार सफल शुतुरमुर्ग ब्रीडिंग, जयपुर चिड़ियाघर में जन्मा पहला चूज़ा

सहायक वन संरक्षक प्राची चौधरी ने कहा, “शुतुरमुर्ग को जयपुर की जलवायु के अनुकूल इसे ढालने, उचित प्रजनन सुविधाएं प्रदान करने और सही इनक्यूबेशन तकनीकों के इस्तेमाल से 11 अंडे दिए गए, जिनमें से एक का सफलतापूर्वक निषेचन हुआ.”

Ostrich Breeding Rajasthan: राजस्थान में पहली बार सफल शुतुरमुर्ग ब्रीडिंग, जयपुर चिड़ियाघर में जन्मा पहला चूज़ा
प्रतीकात्मक फोटो

Ramniwas Bagh: राजस्थान में पहली बार रामनिवास बाग स्थित चिड़ियाघर में शुतुरमुर्गों का सफलतापूर्वक प्रजनन हुआ है. मादा शुतुरमुर्ग 'अवंतिका' ने 11 अंडे दिए, जिनमें से एक अंडा सफलतापूर्वक फूटा और एक स्वस्थ चूज़े का जन्म हुआ है. यह शुतुरमुर्ग का बच्चा अब पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बन गया है. बड़ी संख्या में लोग इसे देखने के लिए चिड़ियाघर पहुंच रहे हैं. यहां चूज़े की विशेष देखभाल की जा रही है.

इनक्यूबेशन तकनीकों के इस्तेमाल से 11 अंडे दिए गए

सहायक वन संरक्षक प्राची चौधरी ने इस उपलब्धि के महत्व को समझाते हुए कहा, “शुतुरमुर्ग अफ्रीका का मूल निवासी है, और इसका प्राकृतिक वास वहां की जलवायु से मेल खाता है. अब जयपुर की जलवायु के अनुकूल इसे ढालने, उचित प्रजनन सुविधाएं प्रदान करने और सही इनक्यूबेशन तकनीकों के इस्तेमाल से 11 अंडे दिए गए, जिनमें से एक का सफलतापूर्वक निषेचन हुआ.”

इसे महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है

उन्होंने पूर्व के प्रयासों को याद करते हुए कहा, “इससे पहले, मार्च-जून 2022 में भी शुतुरमुर्ग ने अंडे दिए थे, लेकिन वे सफलतापूर्वक नहीं फूटे थे. इसलिए, इस बार की सफलता बहुत सकारात्मक संकेत है और इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है.”

शुतुरमुर्ग का बच्चा अब पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बन गया है

शुतुरमुर्ग का बच्चा अब पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण बन गया है

CCTV कैमरों निगरानी में रखा जा रहा है 

भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए चौधरी ने बताया, “चिड़ियाघर में भविष्य में एक बड़े स्तर पर एवियरी (विशेष पक्षी आवास) बनाने का प्रस्ताव भी है.” इससे दीर्घकालिक संरक्षण लक्ष्यों को सहायता मिलेगी और शुतुरमुर्गों के लिए बेहतर प्रजनन परिस्थितियां बनाई जा सकेंगी.

उन्होंने यह भी बताया कि शुतुरमुर्ग और उसके चूज़े की निगरानी के लिए CCTV कैमरों का उपयोग किया जा रहा है. कैप्टिव ब्रीडिंग (बंदी अवस्था में प्रजनन) दुर्लभ होता है और इसके लिए विशेष परिस्थितियों एवं देखभाल की आवश्यकता होती है.

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