
Election Commission's press conference: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्रीअशोक गहलोत ने चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर की है. जिसमे उन्होंने लिखा है कि पूरे देश की निगाहें आज चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर थीं पर यह खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली स्थिति रही, चुनाव आयोग श्री राहुल गांधी द्वारा उठाए मुद्दों पर प्रभावी जवाब नहीं दे पाया. यह मुद्दा देश के गांव-गांव तक पहुंच गया है.
उन्होंने कहा,''देशवासी उम्मीद कर रहे थे कि मुख्य चुनाव आयुक्त उन सभी तथ्यों का सिलसिलेवार जवाब देंगे जो राहुल जी ने उठाए थे, हालांकि अपने हल्के तर्कों से चुनाव आयोग ने निराश किया है एवं वो एक भी मुद्दे पर स्पष्ट जवाब नहीं दे पाया. गहलोत ने आगे कहा कि यह भी आश्चर्यजनक है कि चुनाव आयोग ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आज का दिन चुना जब राहुल गांधी बिहार में वोट अधिकार यात्रा निकाल रहे हैं. सोशल मीडिया और तमाम पॉलिटिकल कार्यकर्ताओं की भावना है.''
पूरे देश की निगाहें आज चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर थीं पर यह खोदा पहाड़ निकली चुहिया वाली स्थिति रही, चुनाव आयोग श्री @RahulGandhi द्वारा उठाए मुद्दों पर प्रभावी जवाब नहीं दे पाया। यह मुद्दा देश के गांव-गांव तक पहुंच गया है। देशवासी उम्मीद कर रहे थे कि मुख्य चुनाव आयुक्त उन…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 17, 2025
''न केवल निष्पक्ष होना चाहिए बल्कि दिखना भी चाहिए''
पूर्व मुख्यमंत्री ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को न केवल निष्पक्ष होना चाहिए बल्कि निष्पक्ष दिखना भी उतना ही आवश्यक है. आयोग के पास आज अपनी छवि सुधारने का मौका था, लेकिन उसने यह अवसर गंवा दिया.
गहलोत ने आगे कहा कि आयोग यदि तथ्यों पर जवाब नहीं दे सकता तो उसकी विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है. गौरतलब है कि सोशल मीडिया इस मुद्दे पर लगातार बहस चल रही है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में आयोग के लिए जनता का भरोसा बहाल करना सबसे बड़ी चुनौती होगी.
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