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Fighter Aircraft Roared In Maneuvers: देश की पश्चिमी छोर पर भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर जैसलमेर के चांधन में वायुसेना की फील्ड फायरिंग रेंज में बुधवार को इंडियन एयरफोर्स ने वायु शक्ति युद्धाभ्यास की फुल ड्रेस रिहर्सल की. डे-नाइट में 'वायु शक्ति युद्धाभ्यास ' में 121 विमान शामिल है., इस दौरान वायु सेनिकों ने अपना दमख्म दिखाया.
रिपोर्ट के मुताबिक17 फरवरी को होने वाले वायु शक्ति युद्धाभ्यास का मुख्य कार्यक्रम होगा. इससे पहले बुधवार को इसकी फाइनल फुल ड्रेस रिहर्सल की गई. फायरिंग रेंज में बम-गोलों और मिसाइल के धमाकों की गूंज ने पड़ोसी देशों में बैठे नापाक इरादे रखने वालों के पैर कंपा दिए.
![युद्धाभ्यास के दौरान हवा में करतब दिखाते युद्धक विमान युद्धाभ्यास के दौरान हवा में करतब दिखाते युद्धक विमान](https://c.ndtvimg.com/2024-02/sk0ch21_maneuvers_625x300_15_February_24.jpeg?im=FaceCrop,algorithm=dnn,width=632,height=421)
युद्धाभ्यास के दौरान हवा में करतब दिखाते युद्धक विमान
वायुसेना के फील्ड फायरिंग रेंज में हो रहे युद्धाभ्यास में 121 एयरक्राफ्ट पिछले 15 दिन से अलग-अलग एयरबेस पर तैनात थे और अभ्यास कर रहे थे. बुधवार को चांधन फिल्ड फायरिंग रेंज में अंतिम अभ्यास के लिए जोधपुर सहित कुल 8 से 9 एयरबेस से लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी और इन बेस पर सुखोई, राफेल, तेजस, प्रचंड और ध्रुव हेलिकॉप्टर तैनात किए गए.
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वायुसेना कीफील्ड फायरिंग रेंज युद्धाभ्यास में करते विमान
स्वदेशी तेजस :-
तेजस की बनावट कार्बन फाइबर, टाइटेनियम और एलुमिनियम की है.जिसकी वजह से कम वजन का होने के बावजूद यह विमान ज्यादा मजबूत है. यह विमान स्वयं की रक्षा भी कर सकता है,जिसके लिए इसमें एक सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर लगा है, जो पूरी तरह से ऑटोमेटिक है. यह आसमान या जमीन से किंए गए हमले से विमान को बचाता है. एयर टु एयर रिफ्यूलिंग तेजस को सबसे खास बनाती है.
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अपाचे हेलीकॉप्टर:
अपाचे हेलीकॉप्टर की डिजाइन इसे सबसे खास बनाती है, क्योकि इसका डिजाइन ऐसा है कि इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल है.इसे उड़ाने के लिए दो पायलट होना जरूरी हैं. हेलीकॉप्टर के बड़े विंग को चलाने के लिए दो इंजन होते हैं. इस वजह से इसकी स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटा है.
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जगुआर :
लड़ाकू विमान जगुआर हाई-विंग लोडिंग डिजाइन की वजह से कम-ऊंचाई पर स्थिर उड़ान और हथियारों को ले जा सकता है. इसका निर्माण फ्रांस, बिट्रेन में बीईए और भारत में एचएएल करता है.इसके कुछ फीचर्स इसे सबसे अलग बनाते है. 30 एमएम के दो एडीईएन या डीईएफए गोले, हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.
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चिनूक हेलिकॉप्टर ः
चिनूक हेलीकॉप्टर डबल इंजन फ्लाइंग मशीन भी खा जाता है. जानकारों के अनुसार यह विमान दुनिया के सबसे मॉडर्न हैवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर्स में से एक है. इसकी क्षमता 10 हजार किलो का वजन लिफ्ट करने की है. वहीं, यह किसी भी इलाके में किसी भी मौसम में दिन या रात में काम कर पाने की क्षमता रखता है. इनका इस्तेमाल सेना, आर्टिलरी, गोला-बारूद, इक्विपमेंट्स और फ्यूल को कैरी करने में होता है.
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